तड़प उठी.. शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी, बोली- एक बार छू लेने दो मेरे स्वामी को.. हो जायेंगे जिंदा..
बुलंदशहर में गोकशी को लेकर भड़की हिंसा की आग में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी तब बेसुध हो गई जब उनके सामने पति का पार्थिव शरीर था और शहीद की पत्नी यह देख फूट-फूट कर रोने लगी। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
बुलंदशहरः गोवंश को लेकर हिंदू संगठनों और ग्रामीणों द्वारा हिंसा भड़काने और पथराव व फायरिंग के बीच बुलंदशहर के स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की जान लेने वाले उपद्रवियों को लेकर को जनता में भारी रोष है। इस भीड़ में शहीद हुए इंस्पेक्टर को आज पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
यह भी पढ़ें |
बुलंदशहर हिंसा को लेकर सवालों के घेरे में मेरठ जोन के एडीजी और आईजी
इस दौरान न सिर्फ शहीद का पूरा परिवार बल्कि उसके पैतृक गांव समेत कई गांवों के ग्रामीण नम आंखों से अपने इस जाबाज इंस्पेक्टर को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस लाइन पहुंचे थे।अपने पति के पार्थिव शरीर को जब उनकी पत्नी रजनी उर्फ सुनीता ने इस तरह देखा तो वह अपना सुध-बुध खो बैठी।
यह भी पढ़ेंः बुलंदशहर हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता
पत्नी को यह यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि उनके परिवार की दुनिया उजड़ गई है। पोस्टमार्टम हाउस पर जब उन्हें इस हकीकत का पता चला तो वह फफक-फफक कर रोने लगी और बोलीं कि बस सिर्फ एक बार छू लेने दो मेरे स्वामी को वह अभी उठ बैठेंगे।
यह भी पढ़ें |
बुलंदशहर में मौत के बाद शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के एटा स्थित घर पर पसरा मातम
यह भी पढ़ेंः बुलंदशहर में मौत के बाद शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के एटा स्थित घर पर पसरा मातम
शहीद की पत्नी के ये शब्द वहां मौजूद लोगों की कानों में ऐसे गूंजे की मानों वह अब भी एक उम्मीद लगाई बैठी हो कि शादी के समय जो उन्होंने सात जन्मों तक एक साथ जीने-मरने की कसम खाई थी वह अपने पति को यहीं याद दिला रही हो। वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह शहीद की पत्नी और बच्चों को ढांढ़स बधाया और सभी ने दुख की इस घड़ी में भगवान से प्रार्थना की कि शहीद की आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार इस दर्ज से उबर पाए।