डाइनामाइट न्यूज की खबर के बाद जागी पुलिस, अंबेडकर मूर्ति तोड़े जाने का मामला
डाइनामाइट न्यूज की खबर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कार्रवाई का आदेश दिया है। जिसके बाद से स्थानीय पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इस माहौल में निष्पक्ष रूप से मतदान हो पाएगा जबकि कोतवाल रामदवन मौर्य की भूमिका ही संदिग्ध बताई जा रही हो।
महराजगंज: बाबा साहब अंबेडकर के जन्मदिवस पर उनकी मूर्ति का तोड़ा जाना विकृत मानसिकता का परिचायक है। मूर्ति को तोड़े जाने की खबर डाइनामाइट न्यूज ने प्रमुखता से चलाई। जिसके बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
@maharajganjpol -कृपया सूचनार्थ एवं तत्काल आवश्यक कार्यवाही हेतु।
— UP POLICE (@Uppolice) April 14, 2019
चुनावों में भाजपा को लाभ पहुंचाने का लगा आरोप
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दरअसरल लोकसभा चुनावों का दूसरा चरण तीन दिन बाद है। उससे पहले ऐसी घटना का होना बड़े हंगामे का रूप ले सकता है। इस मामले में क्षेत्र कोतवाल रामदवन मौर्य की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। इस घटना से पहले भी उन पर कई नेताओं ने खुलेआम आरोप लगाया है कि वह एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर इन लोकसभा चुनावों में भाजपा को लाभ पहुंचाना चाहते हैं।
लगातार दो वर्षों से जमें हैं कोतवाल साहब
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हालांकि ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी अधिकारियों को न हो। लेकिन नेता जी से सांठगांठ के चलते उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। साथ ही वह लगातार दो साल से शहर कोतवाल की कुर्सी पर जोड़-तोड़ से क़ब्ज़ा जमाये हुए हैं। हालांकि अबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने के मामले में उन पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
ट्वीट के बाद कुंभकर्णी पुलिस की नींद टूटी
मूर्ति तोड़े जाने पर उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्वीटर हैंडल द्वारा स्थानीय पुलिस को निर्देश दिए जाने के बाद कार्रवाई शुरू की गई है। हालांकि अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। जिससे दलित समाज जबरदस्त तरीके से आक्रोशित है।