

यूपी के गाजीपुर जिले में डीएम द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। जिले के सात लेखपालों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि पांच संविदा कर्मी ऑपरेटरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसके अलावा, सीडीओ के स्टेनो का तबादला भी किया गया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गाजीपुर: गाजीपुर जिले में आय प्रमाणपत्र जारी करने के मामले में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के चलते जिला मजिस्ट्रेट आर्यका अखौरी ने सख्त कार्रवाई की है। जिले के सात लेखपालों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि जखनियां तहसील के पांच संविदा कर्मी ऑपरेटरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसके अलावा, सीडीओ संतोष कुमार वैश्य के स्टेनो का तबादला भी किया गया है और पांच तहसीलदारों को स्पष्टीकरण देने का नोटिस जारी किया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, डीएम ने बताया कि जखनियां, सदर, सैदपुर, कासिमाबाद और जमानिया तहसील के एक-एक लेखपाल को निलंबित किया गया है। इसके अलावा, जखनियां तहसील में तैनात पांच संविदा कर्मियों के खिलाफ भी अदालत में मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब आय प्रमाणपत्र बनाने के लिए गलत जानकारियों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
शिकायत मिलने के बाद जब प्रशासन ने जांच की, तो पाया गया कि सीडीओ के स्टेनो राधेश्याम यादव की बेटी पूजा की नियुक्ति आंगनबाड़ी पद पर हुई है। चौंकाने वाली बात यह है कि पूजा के पति अजीत जौनपुर में सरकारी शिक्षक के पद पर तैनात हैं, और उसने अपना सालाना आय 42 हजार रुपये बताया। इससे साफ है कि नियमों के खिलाफ जाकर उसकी नियुक्ति हुई थी। जांच के बाद पूजा ने पद से त्यागपत्र दे दिया।
इस मामले में कुल 14 आंगनबाड़ी प्रमाणपत्रों की जानकारी सामने आई है जिनमें कई प्रमुख व्यक्तियों के नाम शामिल हैं, जैसे कि शिक्षकों, जवानों, पुलिसकर्मियों और कोटेदारों के नाम। इन नियुक्तियों को होल्ड में रखकर जांच शुरू कर दी गई है ताकि इस पूरे मामले की सही स्थिति का पता लगाया जा सके।
आनन-फानन में ये कार्रवाई करते हुए डीएम ने स्पष्ट किया है कि प्रशासन में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।