यूपी सीएम योगी लापरवाह अफसरों पर सख्त, इन 24 जिलों के अधिकारियों पर गिरेगी गाज, जानिये पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अफसरों को लेकर बेहद सख्ती बरती है। सीएम की नाराजगी के कारण यूपी के 24 जिलों के अफसरों पर गाज गिरने वाली है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 29 December 2022, 12:35 PM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आईजीआरएस पोर्टल पर जनशिकायतों के निस्तारण में बार-बार लापरवाह पाये जा रहे अफसरों पर सीएम योगी आदित्यनाथ सख्त हो गये हैं। सीएम योगी के निर्देश पर 24 जिलों के अफसरों के खिलाफ कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपर मुख्य सचिव नियुक्ति और प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखा है, जिसके बाद जनसुनवाई को लेकर लापरवाह 24 जनपदों के अफसरों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।  

यूपी में जनशिकायतों के निस्तारण में शिकायतकर्ता की संतुष्टि सीएम योगी की सर्वोच्च प्राथमिकता मानी जाती है। यही वजह है कि राज्य में सीएम योगी ने इसको लेकर सख्त निर्देश भी जारी किये हैं और जनशिकायतों के निस्तारण के आधार पर ही अधिकारियों के कार्यों की ग्रेडिंग की जा रही है।  

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ऑफिस ने जिलाधिकारी कार्यालयों द्वारा अक्टूबर माह में फीड की गई जनशिकायतों की दोबारा समीक्षा की, जिसमें यूपी के 24 जनपदों के अधिकारी बेहद लापरवाह पाये गये। इन अफसरों को पूर्व में सीएम ऑफिस से चेतावनी भी जारी की गई थी लेकिन दूसरी बार की समीक्षा में भी ये अफसर लापरवाह पाये गये।

सीएम योगी के सख्त रुख के कारण जनशिकायतों के निस्तारण में हीलाहवाली, लेटलतीफी और टरकाने को लेकर हाल ही में सीएम कार्यालय ने उदाहरणों के साथ 20 बिंदुओं पर चेक लिस्ट जारी की थी, जिसमें ये अफसर खरे नहीं पाये गये और उनकी लापरवाही उजागर हुई।
समीक्षा के दौरान यूपी के आजमगढ़, बागपत, सोनभद्र, कासगंज, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत और एटा जिले में आवेदकों के मोबाइल नंबर फीड नहीं किए गए या गलत फीड मिले हैं। इसी तरह पुलिस के हरदोई, रायबरेली, लखनऊ ग्रामीण, कासगंज, बलिया, मैनपुरी, लखनऊ, सहारनपुर, बांदा, कानपुर आउटर, बस्ती, अमेठी, हाथरस, हमीरपुर, मथुरा और संतकबीरनगर के जिले स्तर के कार्यालयों द्वारा अक्टूबर में फीड की गई जनशिकायतों की समीक्षा में भी इसे शासन की ओर से काफी गंभीरता से लिया गया है और इसे शासन की मंशा के विपरीत बताया गया है। इन जनपदों के संबंधित अफसरों के खिलाफ अब गाज गिरनी तय मानी जा रही है।

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