केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने भारत चिकित्सा शिक्षा को लेकर कही ये बड़ी बात, पढ़िये पूरा बयान

डीएन ब्यूरो

केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एस. पी. बघेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत चिकित्सा शिक्षा के स्वर्ण युग में है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यहां प्रशिक्षित चिकित्सकों का दुनिया भर में सम्मान है और भारतीय चिकित्सक दुनिया के हर कोने में मिल जाएंगे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एस. पी. बघेल
केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एस. पी. बघेल


नयी दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एस. पी. बघेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत चिकित्सा शिक्षा के स्वर्ण युग में है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यहां प्रशिक्षित चिकित्सकों का दुनिया भर में सम्मान है और भारतीय चिकित्सक दुनिया के हर कोने में मिल जाएंगे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बघेल ने आयुर्विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) के 42वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों ने भारत को वैश्विक पावर हाउस के रूप में स्थापित करने की धारणा मजूबत बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

वहीं, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मुख्य वक्ता के तौर पर कहा कि पिछले दो वर्षों में 25 पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।

यह भी पढ़ें | Supreme Court: युवा कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास के लिए राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत

उन्होंने कहा, ‘‘यह विकास चिकित्सा छात्रों के लिए अधिक अवसर प्रदान करता है और भारत सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा तथा विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध कराने में सक्षम है। ये चिकित्सक एक स्वस्थ समाज और स्वस्थ राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काम करते हैं।’’

यह दोहराते हुए कि चिकित्सा क्षेत्र देश के विकास में सर्वोपरि भूमिका निभाता है, मांडविया ने छात्रों से आने वाले वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए बघेल ने कहा, ‘‘यह हमें न केवल एक स्वस्थ भारत, बल्कि ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के लिए प्रयास करने के वास्ते प्रेरित करता है।’’

यह भी पढ़ें | कपिल सिब्बल ने पहलवानों के प्रदर्शन के बीच उठाया ये बड़ा मुद्दा, जानिये क्या कहा

बघेल ने कहा कि भारत की चिकित्सा शिक्षा अपने स्वर्ण युग में है। उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सकों का इतना सम्मान है कि दुनिया के हर हिस्से में एक भारतीय डॉक्टर मिल जाएगा।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी. के. पॉल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चिकित्सा शिक्षा तथा संबंधित संस्थानों की वृद्धि और विकास की प्रशंसा की और पिछले आठ वर्षों में हुए परिवर्तन का उल्लेख भी किया।










संबंधित समाचार