जम्मू-कश्मीर में अमित शाह ने की हाई लेवल मीटिंग, हर पंचायत में बनेगा यूथ क्लब, जानिये गृह मंत्री के दौरे का पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

गृह मंत्री अमित आज तीन दिवसीय यात्रा पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं। गृह मंत्री ने यहां टॉप अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर हाई लेवल मीटिंग की और बाद में यूथ क्लब के सदस्यों को संबोधित किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

यूथ क्लब को संबोधित करते गृह मंत्री अमित शाह
यूथ क्लब को संबोधित करते गृह मंत्री अमित शाह


श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे। उन्होंने श्रीनगर में अहम अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर हाई लेवल मीटिंग की। इस दौरान हाल के दिनों में बढ़ी आतंकवादी की घटनाओं पर भी चर्चा की गई, जिसमें अमित शाह ने सुरक्षाबलों से आतंकवाद को खत्म करने के लिए कहा। इसके बाद गृह मंत्री ने यूथ क्लब के सदस्यों को भी संबोधित किया और  हर पंचायत में यूथ क्लब बनाये जाने की घोषणा की।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की केंद्र शासित प्रदेश की यह पहली यात्रा है। अमित शाह शनिवार को श्रीनगर पहुंचे और सबसे पहले आतंकवादियों के हमले में शहीद एक पुलिस अधिकारी के परिजनों से मिले। इसके बाद उन्होंने घाटी में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और फिर युवाओं से संवाद किया।

इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में शांति की शुरुआत हुई है। यहां के युवा अब विकास की बात कर रहे हैं और घाटी से पत्थरबाज अदृश्य हो गए हैं। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 का दिन स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज किया जायेगा, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में पारदर्शिता आई है। लोगों को रोजगार और शिक्षा मिल रही है। इस बदलाव की बयार को कोई रोक नहीं सकता है।

श्रीनगर में यूथ क्लब के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम जरूरी हैं। प्रदेश में हुए पंचायती चुनावों से प्रदेश के ही युवाओं को लाभ मिल रहा है। उन्होंने प्रत्येक पंचायत में यूथ क्लब बनाने की भी घोषणा की, जिसके लिये सरकार आर्थिक सहायता भी देगी। 

उन्होंने कहा कि यहीं के युवा वर्ग पहले पंच बनेंगे, फिर सरपंच बनेंगे और फिर विधायक। इससे आने वाले समय में प्रदेश का भविष्य उज्ज्वल होगा और यह सब पांच अगस्त 2019 से पहले संभव नहीं था। कश्मीर की 70 प्रतिशत आबादी युवा है। अगर इस आबादी को विकास के काम करने में जोड़ दिया जाए तो कश्मीर की शांति में कोई खलल नहीं पहुंचा सकता है। 










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