

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नक्सलियों से मुख्य धारा में जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि आप हमारे ‘अपने’ हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
दंतेवाड़ा: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नक्सलियों से मुख्य धारा में जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि आप हमारे ‘अपने’ हैं। कोई भी नक्सली मारा जाता है, तो किसी को आनंद नहीं होता है लेकिन इस क्षेत्र को विकास चाहिए।
अमित शाह ने बस्तर पंडुम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पचास साल में विकास नहीं हुआ वह हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन पांच साल में इस बस्तर को सबकुछ देना चाहते हैं। पर यह तभी हो सकता है, जब बस्तर के अंदर शांति हो, बच्चे स्कूल जाएं, माताओं की स्वास्थ्य की चिंता हो, आदिवासी युवा कुपोषण से पीड़ित न हो, पढ़ाई-लिखाई से वंचित न हो, तहसील में अस्पताल हो, जिला केंद्र में हर रोग का इलाज हो और हर घर में सात किलो चावल मुफ्त में पहुंचे।
उन्होंने ने कहा कि बस्तर में तभी शांति आ सकती है, जब बस्तर के लोग तय करें कि हर गांव को नक्सल मुक्त कराएं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने घोषणा की है कि जो गांव हर नक्सली को सरेंडर कराएगा, उस गांव को नक्सल मुक्त घोषित कर एक करोड़ रुपए का राशि देंगे।
गृह मंत्री ने कहा,“हम चाहते हैं कि हमारे बस्तर का युवा सबसे आधुनिक शिक्षा प्राप्त करे। विश्व के युवाओं के साथ हर मंच पर दो-दो हाथ करे। दुनियाभर की समृद्धि प्राप्त करे, परंतु अपनी संस्कृति को कभी न भूले, अपनी भाषा को कभी न भूले, अपनी परंपराओं को कभी न भूले। यह बस्तर की संस्कृति, बस्तर की बोलियां, यहां के गान, यहां के वाद्य, पेय पदार्थ, भोजन… यह केवल छत्तीसगढ़ के लिए महत्वपूर्ण नहीं है। यह भारत की संस्कृति का गहना है, इसको हमें संजो कर रखना है।”
शाह ने कहा कि लालबस्तर की समृद्ध जनजातीय संस्कृति से देश-दुनिया को परिचित कराने के लिए आयोजित यह समारोह है। उन्होंने कहा कि आज मैं मां दंतेश्वरी से आशीर्वाद लेकर आया हूं कि अगले चैत्र नवरात्रि तक यहां से लाल आतंक समाप्त हो जाए और हमारा बस्तर खुशहाल हो।
आयोजन में बड़ी संख्या में जुटे आदिवासियों को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि इस साल ‘बस्तर पंडुम’ बस्तर के उत्सव के रूप में मनाया गया है. लेकिन मैं मोदी जी का संदेश लेकर आया हूं। अगले साल बस्तर पंडुम – यही नाम के साथ देश के हर आदिवासी जिले से कलाकारों को हम यहां लाएंगे। यही नहीं हम बस्तर पंडुम को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने के लिए दुनियाभर के राजदूत जो राजधानी में हैं, उनको बस्तर में लाकर हमारी परंपराओं को, संस्कृति को और आदिवासी बच्चों की कला को पूरे विश्व में पहुंचाने का काम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार करेगी।
उन्होंने कहा कि इस बार बस्तर पंडुम सात श्रेणियों में मनाया गया है, अगली बार 12 श्रेणियों में मनाएंगे, और देशभर के आदिवासी यहां पर आएंगे। 75 साल हो गए थे, कोई आदिवासी देश का राष्ट्रपति नहीं बना था। श्री मोदी ने ओडिशा की गरीब आदिवासी बेटी द्रोपदी मुर्मु को राष्ट्रपति बनाने का काम किया। आज वह राष्ट्रपति भवन में शोभायमान हैं। अगली बार जब बस्तर पंडुम मनाया जाएगा, मैं और विष्णु देव जी विनती करना चाहते है कि राष्ट्रपति महोदया आएं और शोभा बढ़ाएं। प्रदेश के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री के तौर पर विष्णु देव साय को मंच पर आमंत्रित करते हुए श्री शाह ने कहा कि तेंदूपत्ता अब 5500 रुपए पर अब सीधे सरकार खरीदेगी। कोई दलाल के पास आपको नहीं जाना पड़ेगा।
शाह ने कहा कि 12 मार्च से लेकर आज तक जिला प्रशासन और संस्कृति विभाग ने पांच करोड़ का आवंटन किया है, जो सबसे पहला इतना बड़ा संस्कृतिक आयोजन है। स्थानीय कला और संस्कृति, पारंपरिक लोककलाएं, शिल्प, तीज-त्योहार, खान-पान, बोली-भाषा, रीति-रिवाज, वेशभूषा, आभूषण, वाद्य यंत्र, पारंपरिक गीत-संगीत, व्यंजन, पेय पदार्थ – इन सभी को मूल रूप में संवंर्धित और संरक्षित करने का काम यह पंडुम करेगा।