पेशेवर नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए ‘मूल्य प्रवाह 2.0’ के दिशानिर्देश लागू करने की यूजीसी की अपील

डीएन ब्यूरो

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से मानवीय मूल्यों और पेशेवर नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए ‘मूल्य प्रवाह-2.0’ के दिशानिर्देश लागू करने की अपील की है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से मानवीय मूल्यों और पेशेवर नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए ‘मूल्य प्रवाह-2.0’ के दिशानिर्देश लागू करने की अपील की है।

इसके तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में मानवीय मूल्यों एवं पेशेवर आचार-व्यवहार पर पाठ्यक्रम लागू करने, केंद्र स्थापित करने तथा छात्रों को नैतिक मूल्यों एवं आचार-व्यवहार से जुड़े आयामों से अवगत कराने के लिए कार्यक्रमों के आयोजन की बात कही गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष जोशी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, सभी राज्यों के उच्च शिक्षा सचिवों, सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को 12 मई को इस संबंध में पत्र लिखा।

जोशी ने अपने पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)- 2020 की प्रमुख सिफारिशों के तहत ‘मूल्य प्रवाह-2.0 दिशानिर्देश’ तैयार किये गए हैं, जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों में मानवीय मूल्यों एवं पेशेवर नैतिकता को बढ़ावा देने तथा मूल्य आधारित माहौल के लिए ढांचा तैयार करने पर जोर दिया गया है।

इसके दिशानिर्देशों में प्रासंगिक कार्यक्रमों के परिचालन, अनुपालन, निगरानी आदि की व्यवस्था करने का सुझाव दिया गया है।

इन दिशानिर्देशों में मानव मूल्यों और पेशेवर आचार-व्यवहार (मूल्य प्रवाह-2.0) को बढ़ावा देने के लिए पाठ्यक्रम का उल्लेख भी किया गया है, ताकि सभी के लिए न्यायोचित एवं समतामूलक विश्व तैयार करने में छात्रों की मदद की जा सके।

यूजीसी के सचिव ने उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा है, ‘‘मैं उच्च शिक्षण संस्थानों में मानवीय मूल्यों एवं पेशेवर आचार-व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए ‘मूल्य प्रवाह-2.0 के दिशानिर्देशों’ को लागू करने में आपके सक्रिय सहयोग एवं समर्थन को लेकर आशान्वित हूं।’’

यूजीसी के ‘मूल्य प्रवाह-2.0’ के दिशानिर्देशों से संबंधित दस्तावेज में कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में मानव मूल्यों और पेशेवर आचार-व्यवहार पर राष्ट्रीय योजना के अनुपालन, निगरानी और समीक्षा के लिए रणनीति बनाने के वास्ते ‘राष्ट्रीय मानव मूल्य एवं पेशेवर आचार नीति केंद्र’ स्थापित करने की जरूरत है। यह केंद्र देशभर में विभिन्न क्षेत्रीय केंद्रों की गतिविधियों के समन्वय का कार्य करेगा।

इसके अनुसार, प्रत्येक राज्य के किसी एक केंद्रीय विश्वविद्यालय में क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किया जायेगा। ये केंद्र राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों में मानव मूल्यों और पेशेवर आचार-व्यवहार से जुड़ी गतिविधियों के समन्वय का कार्य करेंगे।

दस्तावेज के अनुसार, सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को मानवीय मूल्यों और पेशेवर नैतिकताओं को लागू करने के लिए संस्थागत स्तर पर मूल्य अधिकारी (वैल्यू आफिसर) मनोनीत करने की जरूरत है।

सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को मूल्य-आधारित शिक्षा में प्रशिक्षित शिक्षकों की पर्याप्त भर्ती करनी चाहिए या उन्हें प्रशिक्षित करना चाहिए, जिन्हें इस बारे में विशेषज्ञता हासिल हो और वे छात्रों को मूल्यों पर आधारित पाठ्यक्रम पेश करने को इच्छुक भी हों।

इसमें कहा गया है कि कला, विज्ञान, वाणिज्य, प्रबंधन, इंजीनियरिंग, औषधि, ललित कला, आतिथ्य, कारोबार, हस्तकला या शिल्प, या फिर कोई भी विषय क्यों न पढ़ाया जा रहा हो, सभी विषयों से मानवीय मूल्य एवं व्यावसायिक नैतिकता संबंधी आयाम जुड़े होते हैं, ऐसे में शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों को इस दृष्टिकोण से अवगत करायें।

शोधकर्ताओं, शिक्षकों और छात्रों को शोध कार्यों में मानवीय मूल्यों एवं पेशेवर नैतिकता का ध्यान रखने की जरूरत है।

विभिन्न पक्षकारों के लिए मानवीय मूल्यों एवं पेशेवर आचार-व्यवहार पर वर्ष में कम से कम दो बार कार्यशालाओं का आयोजन किया जाना चाहिए। छात्रों को उपयुक्त अंतराल पर वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, पोस्टर प्रतिस्पर्धाओं आदि के माध्यम से मानवीय मूल्यों एवं आचार-व्यवहार से जुड़े आयामों से अवगत कराया जाना चाहिए।










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