एबीटी आतंकियों को शरण देने के मामले में दो बांग्लादेशियों को पांच साल की कैद

डीएन ब्यूरो

मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत ने सोमवार को अलकायदा से संबद्ध अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के आतंकवादियों को शरण देने के मामले में बांग्लादेश के दो नागरिकों को पांच साल कैद की सजा सुनाई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

दो बांग्लादेशियों को पांच साल की कैद
दो बांग्लादेशियों को पांच साल की कैद


नयी दिल्ली:  मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत ने सोमवार को अलकायदा से संबद्ध अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के आतंकवादियों को शरण देने के मामले में बांग्लादेश के दो नागरिकों को पांच साल कैद की सजा सुनाई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के एक प्रवक्ता ने कहा कि रिपेन हुसैन उर्फ ‘रूबेल’ और मोहम्मद हसन अली को विशेष अदालत ने भारतीय दंड संहिता और विदेशी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया, जबकि शेष तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है।

एनआईए ने सितंबर 2018 में सभी गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।

महाराष्ट्र पुलिस ने शुरू में 16 मार्च, 2018 को इस सूचना पर मामला दर्ज किया था कि कई बांग्लादेशी नागरिक वैध दस्तावेजों के बिना पुणे में रह रहे हैं और एबीटी के सदस्यों को बढ़ावा देने तथा उनकी सहायता करने में शामिल हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने धोबीघाट, भैरोबा नाला, पुणे में मोहम्मद हबीबुर रहमान हबीब उर्फ ‘राज जेसुब मंडल’ को रोका और बाद में पांच बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया।

एनआईए ने 18 मई 2018 को मामले की जांच अपने हाथ में ली थी।

प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने पुणे में एक निर्माण स्थल पर एबीटी आतंकवादी समद मिया उर्फ 'तनवीर' उर्फ 'सैफुल' उर्फ 'तुषार विश्वास' उर्फ 'तुषार' और अन्य सदस्यों को शरण दी थी।

अधिकारी ने कहा कि इन लोगों ने मिया सहित एबीटी आतंकवादियों को धन भी दिया था।

 










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