Thugs OF Himachal Pradesh: क्रिप्टोकरेंसी घोटाला, ठगों ने सरकार से मुआवज़ा पाने वाले लोगों को निशाना बनाया

डीएन ब्यूरो

हिमाचल प्रदेश में 2500 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल ठगों ने उन लोगों को निशाना बनाया था जिन्हें सड़क परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के एवज में मुआवजा मिला था। साथ में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करने वाले अपने एजेंटों को विदेश यात्रा पर भेजकर कॉरपोरेट सरीखा प्रोत्साहन दिया। विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच में यह सामने आया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

हिप्र क्रिप्टोकरेंसी घोटाला
हिप्र क्रिप्टोकरेंसी घोटाला


शिमला: हिमाचल प्रदेश में 2500 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल ठगों ने उन लोगों को निशाना बनाया था जिन्हें सड़क परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के एवज में मुआवजा मिला था। साथ में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करने वाले अपने एजेंटों को विदेश यात्रा पर भेजकर कॉरपोरेट सरीखा प्रोत्साहन दिया। विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच में यह सामने आया है।

एसआईटी की अगुवाई कर रहे उत्तर रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) अभिषेक दुल्लर ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि सबसे ज्यादा संख्या में निवेशकों को झांसा देने वाले एजेंटों को थाईलैंड, दुबई और अन्य स्थानों पर विदेश यात्रा पर भेजा गया था। उन्होंने कहा कि करीब दो हजार ऐसी यात्राएं हुई हैं और इन विदेश यात्राओं पर कुल साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च हुए।

घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के अनुसार, राज्य में चार-लेन परियोजनाओं के लिए सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा पाने वाले कई लोगों को मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में ठगों ने नकली क्रिप्टोकरेंसी में अपना पैसा निवेश करने का लालच दिया था।

अधिकारियों ने बताया कि इस घोटाले में पैसा गंवाने वाले एक लाख निवेशकों में करीब 4,000-5,000 सरकारी कर्मचारी हैं।

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मामले में अब तक चार पुलिस कर्मियों और एक वन रक्षक सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि गिरोह का सरगना सुभाष अब भी फरार है।

डीजीपी संजय कुंडू ने पहले पीटीआई-भाषा से कहा था कि पुलिस घोटाले में शामिल दूसरे स्तर के समूह के लोगों को लक्षित कर रही है। उन्होंने कहा था कि 70-80 ऐसे ठग हैं जिन्होंने दो करोड़ रुपये से ज्यादा रकम हासिल की है।

डीजीपी ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश पुलिस केंद्रीय और वित्तीय एजेंसियों और अन्य राज्यों‍ की पुलिस के साथ भी समन्वय कर रही है।

डीजीपी ने कहा था कि आरोपियों के खिलाफ अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध (बीयूडीएस) अधिनियम 2019 के तहत कार्रवाई की जा रही है जिसमें 10 साल की कैद का प्रावधान है।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जालसाजों ने स्थानीय रूप से (मंडी जिले में) निर्मित 'कोरवियो कॉइन' या ‘केआरओ कॉइन’ क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित निवेश योजना को लेकर लोगों से संपर्क किया।

तीन से चार प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग किया गया और फर्जी वेबसाइटें बनाई गईं जिनमें क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में हेरफेर किया गया और उन्हें बढ़ाकर दिखाया गया।










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