

नीति आयोग के एक सदस्य का कहना है कि केरल को विषाणु विज्ञान अनुसंधान को अधिक महत्व देना चाहिए क्योंकि देश के अन्य हिस्सों की तुलना में इस राज्य में वायरस से संबंधित घटनाओं का जोखिम अधिक है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
तिरुवनंतपुरम: नीति आयोग के एक सदस्य का कहना है कि केरल को विषाणु विज्ञान अनुसंधान को अधिक महत्व देना चाहिए क्योंकि देश के अन्य हिस्सों की तुलना में इस राज्य में वायरस से संबंधित घटनाओं का जोखिम अधिक है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल यहां राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरजीसीबी) में जैव प्रौद्योगिकी विभाग - साइंटिफिक इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सेस फॉर हार्नेसिंग एकेडेमिया यूनिवर्सिटी रिसर्च जॉइंट कोलैबोरेशन (डीबीटी-सहज) के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि केरल के विभिन्न वायरल रोगों का प्रवेश द्वार बनने की आशंका है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य से बुजुर्गों की बेहतर चिकित्सा देखभाल के क्षेत्र में भी प्रयास करने का आग्रह किया।
पॉल ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में केरल द्वारा की गई पहल का देश के बाकी हिस्सों द्वारा अनुसरण किया जा सकता है।
विषाणु विज्ञान अनुसंधान में आरजीसीबी के पहल की सराहना करते हुए पॉल ने कहा कि संस्थान को तत्काल इस क्षेत्र में अतिरिक्त कार्यक्रम तैयार करने होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘केरल द्वारा सामना की जाने वाली जनसांख्यिकीय संक्रमण-संबंधी स्वास्थ्य चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, राज्य को वृद्धावस्था देखभाल के क्षेत्र में और अधिक प्रयास करने चाहिए और प्राथमिक देखभाल केंद्रों में उपयोगी निदान बनाने के बारे में भी सोचना चाहिये।’’
उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा की गई पहल का देश के बाकी हिस्सों द्वारा अनुसरण किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं से उत्कृष्टता का मार्ग अपनाने का आग्रह करते हुए पॉल ने कहा कि देश युवाओं से अथक परिश्रम और उच्चतम गुणवत्ता का काम चाहता है।
No related posts found.