भटके हुए चीते को जंगल से इस तरह लाया गया वापस, जानें कहा किया गया शिफ्ट

डीएन ब्यूरो

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान से हाल ही में भटक कर एक गांव से सटे खेत में घूमते नजर आये चीते को समीपवर्ती शिवपुरी जिले के जंगल से वापस लाकर इस उद्यान में फिर से छोड़ दिया गया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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श्योपुर: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान से हाल ही में भटक कर एक गांव से सटे खेत में घूमते नजर आये चीते को समीपवर्ती शिवपुरी जिले के जंगल से वापस लाकर इस उद्यान में फिर से छोड़ दिया गया है। वन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि पिछले साल सितंबर में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों में से ‘ओबान’ नाम का एक चीता दो अप्रैल को कूनो राष्ट्रीय उद्यान से भटक कर बाहर चला गया था और गुरुवार शाम को उसे पकड़कर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ दिया गया है।

श्योपुर के वन मंडल अधिकारी प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया, ‘‘शिवपुरी जिले के बैराड़ क्षेत्र के जंगल से ओबान को गुरूवार शाम पांच बजे पकड़ा गया। यहां से ओबान को कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाया गया।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद इस चीते को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के पालपुर के जंगल में वापस छोड़ा दिया है।’’

हालांकि, वर्मा ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि इस चीते को कैसे पकड़ा गया।

उन्होंने कहा कि 11 मार्च को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के खुले जंगल में छोड़ा गया ओबान चीता रविवार से इस उद्यान क्षेत्र से बाहर था। यह चीता विजयपुर के झाड़ बड़ौदा, पार्वती बड़ौदा होता हुआ बुधवार को श्योपुर जिले से सटे हुए शिवपुरी जिले की सीमा में पड़ने वाले बैराड़ के जंगल में निकल गया था। ओबान ने अपनी भूख मिटाने के लिए यहां एक काले हिरण का शिकार भी किया।

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वर्मा ने बताया कि ओबान की सभी हरकतों पर 24 घंटे चीता निगरानी दल अपनी नजर बनाये हुए था।

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए पांच मादा और तीन नर चीतों को पिछले साल 17 सितंबर को अपने 72वें जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बाड़े में छोड़ा था।










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