महिला प्राचार्य की जलाकर हत्या के मामले में आया ये बड़ा अपडेट, ऐसे हुई आरोपी की पहचान

डीएन ब्यूरो

इंदौर जिले में 54 वर्षीय महिला प्राचार्य की दिनदहाड़े जलाकर हत्या करने के आरोपी के खिलाफ पुलिस 13 मार्च को अदालत में आरोप पत्र पेश करने की कोशिश में जुटी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा
प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा


इंदौर: इंदौर जिले में 54 वर्षीय महिला प्राचार्य की दिनदहाड़े जलाकर हत्या करने के आरोपी के खिलाफ पुलिस 13 मार्च को अदालत में आरोप पत्र पेश करने की कोशिश में जुटी है।

इस बीच, एक स्थानीय जेल में शिनाख्त परेड के दौरान उन लोगों ने आरोपी की पहचान की है जिनसे उसने जघन्य वारदात में इस्तेमाल बाल्टी और नली खरीदी थी। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

सिमरोल थाना प्रभारी राजेश कुमार दुबे ने बताया, ‘‘हमने जेल में बंद आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव (24) की एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शिनाख्त परेड कराई है। इस दौरान उन लोगों ने उसकी पहचान की है जिनसे उसने वारदात में इस्तेमाल बाल्टी और नली खरीदी थी।’’

दुबे ने पुलिस की जांच के हवाले से बताया कि श्रीवास्तव ने घटनास्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर तेजाजी नगर थाना क्षेत्र से बाल्टी और नली खरीदी थी जिससे पता चलता है कि उसने साजिश के तहत 20 फरवरी को वारदात को अंजाम दिया था।

उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपनी मोटरसाइकिल में भरा पेट्रोल इस नली के जरिये निकाल कर बाल्टी में डाला था और बाद में इस ज्वलनशील पदार्थ को बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्राचार्य डॉ. विमुक्ता शर्मा (54) पर इस संस्थान के परिसर में उड़ेल कर आग लगा दी थी। दुबे ने बताया कि अस्पताल में इलाज के दौरान महिला प्राचार्य ने 25 फरवरी को दम तोड़ दिया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार थाना प्रभारी ने बताया,‘‘मामले में हमारी जांच लगभग पूरी हो चुकी है। हम कोशिश कर रहे हैं कि 13 मार्च को महू की एक अदालत में श्रीवास्तव के खिलाफ आरोप पत्र पेश कर दिया जाए।’’

अधिकारियों के मुताबिक पुलिस ने श्रीवास्तव से शुरुआती पूछताछ के हवाले से बताया था कि उसने बी. फार्मा. की परीक्षा जुलाई 2022 में उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन कई बार मांगे जाने के बावजूद बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी का प्रबंधन उसे उसकी अंकसूची नहीं दे रहा था। हालांकि, महाविद्यालय प्रबंधन आरोपी को 'आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति' बताते हुए उसके इस दावे को खारिज कर चुका है।

अधिकारियों ने बताया कि श्रीवास्तव को वारदात वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था और बाद में जिला प्रशासन के आदेश पर उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल भेज दिया गया था।










संबंधित समाचार