ICC World Cup Final: भारत-ऑस्ट्रेलिया के साथ इन खिलाड़ियों में दिखेगी आपसी जंग, जानिये विश्व कप फाइनल की खास बातें

डीएन ब्यूरो

विश्व कप 2023 की दो सर्वश्रेष्ठ टीम भारत और ऑस्ट्रेलिया जब रविवार को फाइनल में आमने सामने होंगी तो दोनों टीम के खिलाड़ियों के बीच कुछ कड़ी व्यक्तिगत जंग भी देखने को मिलेगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में कल होगा फाइनल मुकाबला
नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में कल होगा फाइनल मुकाबला


अहमदाबाद: विश्व कप 2023 की दो सर्वश्रेष्ठ टीम भारत और ऑस्ट्रेलिया जब रविवार को फाइनल में आमने सामने होंगी तो दोनों टीम के खिलाड़ियों के बीच कुछ कड़ी व्यक्तिगत जंग भी देखने को मिलेगी।

भारत टूर्नामेंट की एकमात्र अजेय टीम है जबकि ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दो हार के साथ शुरुआत करने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

एक टीम के रूप में भारत ने ऑस्ट्रेलिया से बेहतर प्रदर्शन किया है और 12 साल बाद स्वदेश में यह प्रतिष्ठित खिताब जीतने की प्रबल दावेदार है।

दूसरी तरफ जब वैश्विक ट्रॉफी की बात आती है तो ऑस्ट्रेलिया का कोई सानी नहीं है और सात फाइनल में पांच खिताब इसका सबूत हैं।

फाइनल रोमांचक होने की उम्मीद है और ‘पीटीआई-भाषा’ संभावित व्यक्तिगत मुकाबलों पर नजर डाल रहा है।

रोहित शर्मा बनाम मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड की तेज गेंदबाजी जोड़ी:

भारतीय कप्तान रोहित पूरे टूर्नामेंट में शुरुआती पावरप्ले में गेंदबाजों को निशाना बनाकर चर्चा में बने रहे। उनकी जोखिम भरी बल्लेबाजी ने हालांकि अन्य बल्लेबाजों पर दबाव कम कर दिया और विराट कोहली तथा शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों को समय लेकर अपनी पारी आगे बढ़ाने का मौका दिया।

रोहित ने सेमीफाइनल के तीसरे ओवर में आगे बढ़कर ट्रेंट बोल्ट पर कवर के ऊपर से छक्का जड़ा जो लंबे और थका देने वाले टूर्नामेंट के दौरान भारतीय कप्तान के निडर दृष्टिकोण को दर्शाता है।

बड़ा सवाल यह है कि क्या वह रविवार को शुरुआती पावरप्ले में हेजलवुड और स्टार्क के खिलाफ ऐसा कर पाएंगे। भारत रोहित पर काफी अधिक निर्भर रहेगा जिन्हें चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लीग मैच हेजलवुड ने शुरुआत में ही पगबाधा किया था।

हेजलवुड अपनी सीम मूवमेंट से सवाल पूछना जारी रखेंगे जबकि स्टार्क इनस्विंगर की तलाश में होंगे जिसने अतीत में रोहित को परेशान किया है। यह संभवतः रोहित के करियर का सबसे महत्वपूर्ण मैच है और उम्मीद है कि वह चुनौती का डटकर मुकाबला करेंगे।

मोहम्मद शमी बनाम बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज:

छह मैचों में 23 विकेट के साथ शमी के लिए यह टूर्नामेंट यादगार रहा है। कोई भी बल्लेबाज सीम से उन्हें मिल रही मूवमेंट से निपटने का तरीका नहीं ढूंढ पाया है।

अराउंड द विकेट गेंदबाजी करत हुए इस कुशल भारतीय तेज गेंदबाज ने विशेष रूप से बाएं हाथ के बल्लेबाजों को परेशान किया है और बेन स्टोक्स जैसे चैंपियन क्रिकेटर के पास भी उनका कोई जवाब नहीं था।

पहले सेमीफाइनल के पहले पावरप्ले में शमी ने बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाजों डेवोन कॉनवे और रचिन रविंद्र को अपने लगातार ओवरों में विकेट के पीछे कैच कराया।

बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ शमी के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें डेविड वार्नर और ट्रेविस हेड की सलामी जोड़ी के खिलाफ जसप्रीत बुमराह के साथ गेंदबाजी की शुरुआत करने का मौका मिल सकता है।

अमरोहा में जन्मे इस 33 वर्षीय तेज गेंदबाज का इस्तेमाल रोहित ने पहले बदलाव के रूप में किया है लेकिन वार्नर और हेड के खतरे को देखते हुए रोहित शमी को नई गेंद देने के लिए उत्सुक होंगे।

विराट कोहली बनाम एडम जंपा:

कोहली को हाल के दिनों में बाएं हाथ के स्पिनरों के खिलाफ अक्सर संघर्ष करना पड़ा है लेकिन लेग स्पिनर जंपा ने भी उन्हें परेशान किया है और आठ बार भारतीय सुपरस्टार का विकेट हासिल किया है।

टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी और सबसे सफल स्पिनर के बीच की जंग देखने लायक होगी।

कोहली ने 90.69 की स्ट्राइक रेट और 101.57 की औसत से 711 रन बनाए हैं।

जंपा को स्टंप्स को निशाना बनाना पसंद है और देखना यह होगा कि क्या कोहली उनके खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाकर उन्हें हैरान करेंगे।

कुलदीप यादव बनाम ग्लेन मैक्सवेल:

यह कुलदीप के शानदार कौशल का प्रमाण है कि डेरिल मिशेल को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज बाएं हाथ के कलाई के इस स्पिनर के खिलाफ आक्रामक होकर नहीं खेल पाया।

मिशेल ने धर्मशाला में कुलदीप के खिलाफ सीधी बाउंड्री को निशाना बनाया लेकिन मैक्सवेल के पास बहुत सारे शॉट हैं और उनमे से कुछ को सिर्फ वही खेल सकते हैं।

अगर मैक्सवेल रविवार को टिकने में कामयाब रहे तो यह कुलदीप के लिए सबसे कठिन परीक्षा होगी।

मैक्सवेल स्पिन के साथ खेलते हुए डीप मिडविकेट और लांग ऑन बीच के हिस्से को निशाना बना सकते हैं और जब गेंद ऑफ स्टंप के बाहर जाती है तो वह लुभावने रिवर्स हिट के जरिए कुलदीप की लय को बिगाड़ने की भी क्षमता रखते हैं। अगर ऐसा होता है तो ऑस्ट्रेलियाई को चकमा देने के लिए कुलदीप को लीक से हटकर सोचना होगा।

डेविड वार्नर बनाम जसप्रित बुमराह:

मौजूदा विश्व कप में 3.98 की अविश्वसनीय इकोनॉमी रेट के साथ 10 मैच में 18 विकेट लेने वाले बुमराह अब तक 14 एकदिवसीय मैचों में वार्नर को आउट नहीं कर पाए हैं।

वार्नर ने बुमराह की 130 गेंदों का सामना करते हुए 117 रन बनाए हैं।

चोट से वापस आने के बाद से बुमराह ने अपने तरकश में घातक आउटस्विंगर को जोड़ा है और इससे वह फॉर्म में चल रहे वार्नर को परेशान कर सकते हैं जो 528 रन के साथ टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।










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