बाल विवाह के खिलाफ संशोधन विधेयक वाली समिति का कार्यकाल तीन महीने बढ़ा

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बाल विवाह निषेध संशोधन विधेयक 2021 पर विचार करने वाली संसद की स्थायी समिति का कार्यकाल एक बार फिर तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Updated : 30 April 2023, 7:07 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बाल विवाह निषेध संशोधन विधेयक 2021 पर विचार करने वाली संसद की स्थायी समिति का कार्यकाल एक बार फिर तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है।

राज्यसभा के बुलेटिन के अनुसार, ‘‘राज्यसभा के सभापति ने बाल विवाह निषेध संशोधन विधेयक 2021 पर विचार करने वाली शिक्षा, महिला, बाल, युवा एवं खेल संबंधी स्थायी समिति का कार्यकाल 24 अप्रैल 2023 से (एक बार फिर) तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बाल विवाह निषेध संशोधन विधेयक 2021 को पिछले वर्ष संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया गया था। कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध करते हुए विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की मांग की थी, जिसके बाद इसे संसद की स्थायी समिति को विचारार्थ भेज दिया गया था।

विधेयक में महिलाओं की विवाह की आयु 21 वर्ष करने की बात कही गई है, ताकि इसे पुरूषों के बराबर किया जा सके। फिलहाल, लड़कियों की विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। इसी के अनुरूप, इसमें विभिन्न पर्सनल लॉ में भी संशोधन करने की बात कही गई है।

महिलाओं के स्वास्थ्य कल्याण एवं सशक्तीकरण की दृष्टि से उन्हें पुरूषों के समान अवसर सुनिश्चित करने के प्रावधान प्रस्तावित हैं।

Published : 
  • 30 April 2023, 7:07 PM IST

Related News

No related posts found.