सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता संबंधी याचिका पर सांसद से पूछा- कौन से मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ? पढ़ें पूरी रिपोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता के मोहम्मद फैजल से मंगलवार को सवाल किया, ‘‘कौन से मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता के मोहम्मद फैजल से मंगलवार को सवाल किया, ‘‘कौन से मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है?’’
फैजल ने केरल उच्च न्यायालय द्वारा हत्या के प्रयास के एक मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाये जाने के बावजूद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने वाली अधिसूचना वापस नहीं लेने के लिए लोकसभा सचिवालय के खिलाफ याचिका दायर की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने राकांपा नेता की ओर से पेश वकील से यह सवाल तब किया जब उन्होंने मामले का उल्लेख करते हुए इस पर बुधवार को सुनवाई करने का अनुरोध किया।
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उच्चतम न्यायालय की पीठ ने मंगलवार को राकांपा नेता मोहम्मद फैजल के वकील से पूछा, ‘‘वह कौन सा मौलिक अधिकार है जिसका उल्लंघन हुआ है?’’
वकील ने कहा कि राकांपा नेता का निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार छीना गया है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई पूरी तरह मनमानी है।
पीठ ने उनसे पूछा कि उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख क्यों नहीं किया। इस पर वकील ने जवाब दिया कि मामला पहले से ही शीर्ष अदालत में लंबित है। इसके बाद पीठ बुधवार को मामले की सुनवाई के लिए राजी हो गई।
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इससे पहले, लक्षद्वीप के पूर्व सांसद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा था कि दोषसिद्धि और सजा पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद व्यक्ति को सांसद के रूप में बहाल नहीं किया गया है।
लोकसभा सचिवालय द्वारा 13 जनवरी को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, कवारत्ती में एक सत्र अदालत द्वारा हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख 11 जनवरी से फैजल लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य हैं।
अधिवक्ता के आर शशिप्रभु के माध्यम से शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में फैजल ने कहा कि लोकसभा सचिवालय इस तथ्य के बावजूद अधिसूचना वापस लेने में असफल रहा कि उच्च न्यायालय ने 25 जनवरी को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी।