Torcher in School: स्कूल की नजर में कितनी सस्ती है छात्रा की जान, पढ़िए रोंगटे खड़े करने वाली खबर

स्कूल की गलती की वजह से छात्रा ने उठाया ऐसा खौफनाक कदम कि उसके माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की पूरी खबर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 29 March 2025, 7:39 PM IST
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प्रतापगढ़: जिले के मानधाता थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बकाया फीस न जमा होने पर स्कूल प्रशासन द्वारा परीक्षा से बाहर किए जाने से आहत एक छात्रा ने घर पहुंचकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई और परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच शुरू कर दी है।

स्कूल से अपमानित होकर लौटी थी छात्रा

मानधाता थाना क्षेत्र के पितईपुर गांव निवासी कमलेश प्रजापति की 16 वर्षीय बेटी रिया प्रजापति कमला शरण इंटर कॉलेज में कक्षा नौ की छात्रा थी। स्कूल में इन दिनों गृह परीक्षा चल रही थी, लेकिन रिया की आठ सौ रुपये की फीस बकाया थी। शनिवार को जब वह परीक्षा देने स्कूल पहुंची तो स्कूल प्रशासन ने फीस जमा न होने के कारण उसे परीक्षा कक्ष से बाहर निकाल दिया। विद्यालय में इस अपमानजनक व्यवहार से आहत होकर रिया घर लौटी और अंदर जाकर कमरे में रस्सी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थी रिया

रिया चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। उसके पिता कमलेश प्रजापति दिल्ली में रहकर मजदूरी करते हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद परिवार में मातम छा गया। मां पूनम देवी और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

परिवार का आरोप

मृतका की मां पूनम देवी ने विद्यालय प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने स्कूल के प्रबंधक, प्रधानाचार्य, लिपिक और चपरासी समेत अन्य कर्मचारियों के खिलाफ बेटी को अपमानित करने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने की शिकायत थाने में दर्ज कराई है।

पुलिस ने शुरू की जांच

सूचना मिलते ही पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। पुलिस ने कहा कि यदि स्कूल प्रशासन की लापरवाही साबित होती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

इस घटना के बाद विद्यालय प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिक्षा संस्थानों को बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के बजाय उन्हें सहानुभूति और सहयोग देना चाहिए। प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने भी न्याय की मांग की है।