ठूठीबारी में सड़क को बनाया डंपिंग स्टेशन, भारी गंदगी से उठ रही सड़ांध, नागरिकों में भारी रोष, पर्यटकों में भी बिगड़ रही छवि
महराजगंज जनपद के भारत-नेपाल सीमा के ठूठीबारी बार्डर पर सड़क पर भारी गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पर्यटन की दृष्टि से पर्यटकों की नजरों में भी खराब छवि प्रदर्शित हो रही है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
ठूठीबारी (महराजगंज): ठूठीबारी भारत-नेपाल बार्डर पर बसे ठूठीबारी कस्बा में सफाई बुरा हाल है। सड़क, नदी किनारे की पटरियां कूड़े के ढेर से पटी हुई हैं जिससे यहां से गुजरने वाले लोग इससे उठ रही दुर्गंध से परेशान है। करीब ढाई साल पहले कूड़ा निस्तारण के लिए कूड़ा डंपिंग ग्राउंड भी बन गया है। जिम्मेदारों की लापरवाही सब पर भारी है।
विगत चार वर्षो से नदी की पेटी को क़स्बे भर के कूड़े करकट से पाटा जा रहा है। बाईपास से लोगो का गुजरना मुश्किल हो गया है। इससे निकल रही दुर्गंध मुसीबत का सबब बन गई है। ठूठीबारी कस्बा इंडो नेपाल सीमा का प्रमुख बाजार है। जहां सैकड़ों की संख्या में नेपाली खरीददारों का आना जाना होता है। जिम्मेदारों की उदासीनता से कस्बे की रौनक फीकी हो रही है।
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नो मैन्स लैंड से लेकर झरही पुल तक के करीब 500 मीटर तक कूड़ा गिराया जा रहा है। यह सिलसिला पिछले चार वर्षो से चल रहा है। जिसकी वजह से नदी नाला जैसी दिखने लगी है। नदी के किनारे बसे गांव गौतम नगर, आदर्श नगर, बाईपास रोड, राजाबारी , सड़कहवा, धरमौली, टड़हवा, रमजीता के लोगों को सांस संबंधी बीमारी की समस्या होने लगी है।
स्थानीय नागरिक सीताराम ने बताया कूड़े की वजह से चर्म रोग और दस्त, बुखार से लोग परेशान हैं। ग्रामीण वसीम कुर्रैसी, असलम उर्फ टीनी, धर्मेंद्र जायसवाल, प्रदीप निगम, राम केवल, लक्ष्मी चौधरी, कुलदीप निगम, दिनेश रौनियार आदि लोगों ने बताया कि झरही नदी के किनारे बसे हुए लोग कूड़े से उठ रहे दुर्गंध से तामम बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। जुलाई महीने की गर्मी की तपन व कूड़े के ढेर से निकल रही दुर्गंध से लोगों को हर दिन घुटन हो रही है।
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