घरेलू क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर सहज रहा शुभा के लिए
इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र महिला टेस्ट के पहले दिन गुरुवार को यहां पदार्पण करते हुए बल्ले से प्रभावित करने वाली कर्नाटक की शुभा सतीश के लिए घरेलू क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर सहज रहा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नवी मुंबई: इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र महिला टेस्ट के पहले दिन गुरुवार को यहां पदार्पण करते हुए बल्ले से प्रभावित करने वाली कर्नाटक की शुभा सतीश के लिए घरेलू क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर सहज रहा।
मैसूर की 24 साल की शुभा के लिए पिछले कुछ हफ्ते शानदार रहे हैं। उन्होंने 12 साल की उम्र में जब बल्ला थामा था तो उनका लक्ष्य भारतीय क्रिकेटर बनने का नहीं था लेकिन 12 साल तक ‘प्रक्रिया’ से गुजरने के बाद उन्हें अंतत: टेस्ट क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।
एक हफ्ते के भीतर शुभा को महिला प्रीमियर लीग के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर से जुड़ने का मौका मिला और साथ ही वह टेस्ट पदार्पण भी करने में सफल रहीं। वह पदार्पण करते हुए अर्धशतक जड़ने वाली 12वीं भारतीय बल्लेबाज हैं।
शुभा ने 76 गेंद में 69 रन की आक्रामक पारी खेली लेकिन उनके इस अंदाज से उनके मेंटर (मार्गदर्शक) रजत सतीश हैरान नहीं हैं।
सतीश ने पीटीआई से कहा, ‘‘शुरू से ही वह आत्मविश्वास से भरी लड़की रही है। वह जब भी बल्लेबाजी के लिए जाती है तो आक्रामक खेल खेलती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उसने 2014-15 में क्रिकेट खेलना शुरू किया। इसके तीन से चार साल बाद वह कर्नाटक के लिए अंडर-19 और अंडर-23 और फिर सीनियर टीम में खेली।’’
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सतीश ने खुलासा किया कि मैसूर क्रिकेट जगत में शुभा को प्यार से ‘दादा’ कहा जाता है लेकिन इसका संबंध पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली से नहीं बल्कि दिवंगत कन्नड़ अभिनेता विष्णुवर्धन से है।
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उन्होंने कहा, ‘‘हम मैसूर में उसे ‘दादा’ कहते हैं। वह फिल्म अभिनेता विष्णुवर्धन की तरह चीजें करने की कोशिश करती थी। विष्णुवर्धन उसके आदर्श हैं।’’
सतीश ने कहा कि अगर यह मैच कर्नाटक में होता तो शुभा के पिता उसका पदार्पण मैच देखने आ सकते थे। शुभा के पिता भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड से सेवानिवृत्त हैं।
बाएं हाथ की बल्लेबाज शुभा के घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन में निरंतरता रही है। वह 2021 महिला सीनियर एकदिवसीय ट्रॉफी 2020-21 में छह मैच में चार अर्धशतक से 86.50 की औसत से 346 रन बनाकर चौथी सबसे सफल बल्लेबाज रहीं।
इसी प्रतियोगिता के अगले सत्र में उन्होंने सात मैच में तीन अर्धशतक से 43.83 की औसत से 263 रन बनाए।
शुभा ने पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद यहां मीडिया से कहा, ‘‘मेरे लिए सफर अच्छा रहा है। मैं छह से सात साल से घरेलू क्रिकेट खेल रही हूं। भारतीय टीम में जगह मिलना सपना साकार होने की तरह था।’’
बेंगलुरू में ट्रेनिंग शिविर के दौरान भारतीय टीमों के बीच आपसी मुकाबले में शुभा ने 99 रन की पारी खेली थी और सतीश ने कहा कि इसने टेस्ट टीम में उनके चयन में अहम भूमिका निभाई।
सतीश ने कहा, ‘‘भारत और भारत ए टीम ने बेंगलुरू में अभ्यास मैच खेला। उसने पहली पारी में 99 रन बनाए और उसे जेमिमा (रोड्रिग्स) ने आउट किया।’’
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पूर्व भारतीय कप्तान शांता रंगास्वामी शीर्ष स्तर पर शुभा के कौशल और धैर्य से काफी प्रभावित हैं।
शांता ने कहा, ‘‘उसने 99 रन बनाए, मुझे लगता है कि तभी उस पर चयनकर्ताओं का ध्यान गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब आपके पास स्थापित खिलाड़ी हों तो (टीम में) प्रवेश करना मुश्किल होता है। इस पारी, उसके धैर्य और यह तथ्य कि वह विकेटों के बीच तेज दौड़ती है, इससे उसे मदद मिली।’’
अपनी पहली ही टेस्ट पारी में शुभा के प्रदर्शन से दिग्गज क्रिकेटर मिताली राज भी काफी प्रभावित हैं।
मिताली ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘इस बाएं हाथ की बल्लेबाज से काफी प्रभावित हूं। भारत के लिए आज अपना पहला मैच खेल रही शुभा सतीश ने क्रीज पर बेहतरीन धैर्य का प्रदर्शन किया। उनसे ऐसी और पारियों की उम्मीद है, अच्छा खेला।’’