लखनऊ: वेतन विसंगति और प्रमोशन को लेकर बिजली कर्मचारियों में बढ़ता रोष

डीएन ब्यूरो

लखनऊ के बिजली विभाग में वेतन और प्रमोशन को लेकर कर्मचारियों में भारी असंतोष है, कई बार अपनी मांगे सरकार के सामने रखने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ। डाइनामाइट न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में कर्मचारियों ने फिर एक बार आंदोलन की चेतावनी दी।



लखनऊ: ऊर्जा विभाग के कार्यालय सहायक कर्मचारियों में वेतन विसंगति को लेकर भारी रोष है। विभाग में तकनीकी और गैर तकनीकी कर्मचारियों के वेतन और प्रमोशन में बड़ा फर्क होने की वजह से कर्मचारियों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। गैर तकनीकि वर्ग के कर्मचारी लंबे समय से वेतन विसंगति का मुद्दा उठाते रहे हैं, लेकिन अभी भी सरकार और विभाग द्वारा उनकी सुनवाई नहीं की गयी, जिस कारण इस मुद्दे पर कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका है।

20-25 सालों में प्रमोशन

डाइनामाइट न्यूज़ से बात करते हुए विद्युत कार्यालय सहायक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील प्रकाश पाल ने बताया कि यूपी के ऊर्जा विभाग में गैर तकनीकी पदों पर सहायक समीक्षा अधिकारी और कार्यालय सहायक के पद की भर्ती के लिये स्नातक, कंप्यूटर नॉलेज और टाइपिंग का ज्ञान होना जरूरी है।  नियुक्ति होने के बाद सहायक समीक्षा अधिकारी को 42 सौ रुपए जबकि कार्यालय सहायक को 26 सौ ग्रेड दिया जाता है। वहीं इस दौरान सहायक समीक्षा अधिकारी का प्रमोशन 4 से 5 सालों में हो जाता है,जबकि कार्यालय सहायकों का प्रमोशन 20-25 सालों में होता है। 

न वेतन बढ़ता है, न ही अधिकार

उन्होंने आगे बात करते हुये कहा कि विभाग में सहायक ग्रेड-3 का पहला प्रमोशन कार्यालय सहायक ग्रेड-2 के पद पर होता है। जिसमें न वेतन बढ़ता है और न ही अधिकार। कर्मचारियों का प्रमोशन एकमात्र छलावा भर है। सहायक समीक्षा अधिकारी और कार्यालय सहायक कर्मचारियों के भर्ती परीक्षा और योग्यता में बराबरी होने के बाद भी एक कार्यालय सहायक प्रमोशन पाकर समीक्षा अधिकारी नहीं बन सकता है। जबकि तकनीकी वर्ग में पांचवी पास व्यक्ति अनुभव के आधार पर अधिशासी अभियंता तक प्रमोशन पाकर पहुंच सकता है। 

आंदोलन की बाध्यता

उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए आगे कहा कि प्रतिभा और योग्यता होने के बाद कार्यालय सहायकों को कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है। इस मुद्दे पर कार्यालय सहायक संघ ने कई बार अपनी मांगों को लेकर ऊर्जा प्रबंधन समेत एमडी तक से बातचीत की है, लेकिन किसी भी तरह का कोई भी लाभ नहीं मिल सका।  उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विभाग ने इस मुद्दे पर ध्यान न दिया तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे। 










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