Tamil Nadu Temple: मंदिर के दानपात्र में गिरा iPhone, मंदिर ने कहा- अब ये भगवान की संपत्ति हुई, वापस नहीं मिलेगा

तमिलनाडु के मंदिर में दर्शन करने आये एक शख्स ने गलती से अपना iPhone दानपात्र में गिरा दिया। जिसके बाद मंदिर प्रशासन ने फोन लौटाने से मना कर दिया। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िए पूरी खबर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 21 December 2024, 5:28 PM IST
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तमिलनाडु: तमिलनाडु (Tamilnadu) के तिरुपोरूर स्थित अरुलमिगु कंदास्वामी मंदिर (Arulmigu Kandaswamy Temple) से एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान भी हो रहा है। यहां मंदिर में दर्शन करने आये एक शख्स ने गलती से अपना iPhone दानपात्र में गिरा दिया, जिसके बाद उन्होंने मंदिर प्रबंधन से फोन वापस मांगा तो उन्हें बताया गया कि हुंडी यानि दानपात्र में डाला गया कोई भी सामान भगवान की संपत्ति माना जाता है, जिसे वह वापस नहीं कर सकते। 

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, यह घटना विनायगपुरम के निवासी दिनेश के साथ तब घटी जब वह पिछले महीने अपने परिवार के साथ वहां गए थे और देवता की पूजा करने के बाद हुंडी में कुछ पैसे डालने लगे। पैसे निकालने के लिए उन्होंने अपनी शर्ट की जेब में हाथ डाला उस समय उनका iPhone हुंडी में गिर गया। जिसके बाद उन्होंने मंदिर के अधिकारियों को यह बात बताई और फोन वापस करने के लिए अनुरोध किया। 

मंदिर अधिकारियों ने फोन देने से किया मना

वहीं मंदिर के अधिकारियों ने फोन को देने से इनकार करते हुए कहा, "हम यह तय नहीं कर सकते कि फोन दान के रूप में चढ़ाया गया था या गलती से गिरा। हमारी परंपराओं के अनुसार हुंडी में डाले गए सामान को वापस नहीं किया जाता।" साथ ही मंदिर अधिकारियों ने यह भी बताया कि हुंडी को सिर्फ दो महीने में एक बार ही खोला जाता है, और जब तक इसे खोला नहीं जाता, दानपात्र में पड़े सामान की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकती।

दिनेश ने जताया असंतोष 

वहीं दिनेश ने इस फैसले को लेकर असंतोष जताया है। उनका कहना है कि यह घटना पूरी तरह से एक गलती थी और मंदिर को उनकी बात सुननी चाहिए थी। हालांकि, मंदिर प्रबंधन अपने नियमों और परंपराओं पर अडिग है, लेकिन उन्हें अपने फोन से केवल जरूरी डेटा डाउनलोड करने के लिए सिम कार्ड लेने का ऑप्शन दिया गया। लेकिन अब दिनेश ने नया सिम कार्ड खरीद लिया है और फोन वापस करने का फैसला मंदिर पर ही छोड़ दिया है।  

अब यह घटना अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है, जहां कुछ लोग मंदिर के फैसले का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे कठोर नियमों का उदाहरण मान रहे हैं।