तमिलनाडु: आंबेडकर के खिलाफ टिप्पणी के लिए पूर्व विहिप नेता गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की तमिलनाडु इकाई के पूर्व अध्यक्ष आर. बी. वी. एस. मणियन को भारतीय संविधान के रचयिता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के खिलाफ टिप्पणी के लिए बृहस्पतिवार तड़के यहां उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

आंबेडकर के खिलाफ टिप्पणी के लिए पूर्व विहिप नेता गिरफ्तार
आंबेडकर के खिलाफ टिप्पणी के लिए पूर्व विहिप नेता गिरफ्तार


चेन्नई: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की तमिलनाडु इकाई के पूर्व अध्यक्ष आर. बी. वी. एस. मणियन को भारतीय संविधान के रचयिता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के खिलाफ टिप्पणी के लिए बृहस्पतिवार तड़के यहां उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक मणियन के एक करीबी ने बताया कि राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष को आंबेडकर पर उनकी टिप्पणी के लिए बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात करीब साढ़े तीन बजे मांबलम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए पुलिस ने कहा कि मणियन पर एससी-एसटी अधिनियम सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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मणियन ने 11 सितंबर को एक कार्यक्रम में कहा था कि भारतीय संविधान किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया बल्कि इसे राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में करीब 300 सदस्यों ने तैयार कर अंतिम रूप दिया था।

उन्होंने कहा था, ‘‘कुछ उन्मादी लोग कहते हैं कि आंबेडकर ने हमें संविधान दिया। ऐसा लगता है कि उन्होंने अपनी अक्ल गिरवी रख दी है। सभी पार्टियों ने अपनी अक्ल गिरवी रख दी है...अगर वे कहेंगे कि आंबेडकर उनकी जाति के नहीं हैं तो लोग उन्हें वोट देना बंद कर देंगे।’’

‘प्रेरक वक्ता’ और एक प्रख्यात लेखक मणियन ने पूछा कि क्या आंबेडकर थिरुमावलवन जाति के थे? उन्होंने विदुथलाई चिरुथिगल काची प्रमुख से जानना चाहा, ‘‘क्या वह थिरुमावलवन जाति से हैं? मुझे बताइए...थिरुमावलवन एक पेरियार हैं। आंबेडकर एक चक्किलियार हैं। आंबेडकर आपकी जाति से कैसे हो सकते हैं।’’

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उन्होंने दावा किया कि संविधान का मसौदा तैयार करने का श्रेय राजेन्द्र प्रसाद को दिया जाना चाहिए न कि आंबेडकर को। आंबेडकर केवल मसौदा समिति के अध्यक्ष थे।

इस बीच, हिंदू मुन्नानी के एक वरिष्ठ नेता ने मणियन गिरफ्तारी की निंदी की और कहा कि उन्होंने एक निजी कार्यक्रम में सिर्फ अपने विचार व्यक्ति किए थे।

 










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