सूरत ने नहीं इस्तेमाल की जा रही सड़क की जमीन को मनोरंजन स्थल में तब्दील कर देश को दिखाया रास्ता
शहरी क्षेत्र में निवासियों के स्वस्थ और स्मार्ट जीवन के लिए मनोरंजन सुविधा, जैव विविधता पार्क और हरित क्षेत्र की आवश्यकता होती है और इस दिशा मेंसाबित हो सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सूरत: शहरी क्षेत्र में निवासियों के स्वस्थ और स्मार्ट जीवन के लिए मनोरंजन सुविधा, जैव विविधता पार्क और हरित क्षेत्र की आवश्यकता होती है और इस दिशा में सूरत का मॉडल कारगर साबित हो सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता व अपर महानिदेशक राजीव जैन ने मीडिया से संवाद करते हुए बताया कि सूरत ने सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत तय लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया है।
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जैन की बात का समर्थन करते हुए सूरत की नगर आयुक्त शालिनी आग्रवाल ने जोर देकर कहा कि सड़क की इस्तेमाल नहीं की जा रही जगह का उपयोग मनोरंजन स्थल के तौर पर विकसित करने के मॉडल का अनुकरण अन्य शहर भी कर सकते हैं।
जैन ने कहा, ‘‘इसका अनुकरण दूसरे स्थानों पर भी किया जा सकता है। सूरत एक आदर्श है, खासतौर पर उन परियोजनाओं के लिए जिसके तहत क्रीक (खाडी) का पुनर्वास किया है। वे जैव विविधता उद्यान का विकास कर रहे हैं और जमीन हासिल करके पर मोटर वाहन योग्य सड़क का विकास कर रहे हैं और हरित क्षेत्र का विस्तार कर रहे हैं। यह स्वस्थ और स्मार्ट जीवन के लिए आवश्यक है।’’
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने 25 जून 2015 को महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना की शुरुआत की थी और जनवरी 2016 से जून 2018 के बीच चार दौर की प्रतियोगिता के जरिये 100 शहरों को पुनर्विकास के लिए चुना गया था।
अग्रवाल ने बताया कि सूरत ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कुल 2813 करोड़ रुपये की लागत की 81 परियोजनओं की शुरुआत की है, जिनमें से करीब 2500 करोड़ रुपये की 78 परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है।