कोरोना वायरस पर फैली ऐसी अफवाह की पोल्ट्री उद्योग को झेलना पड़ा भारी नुकसान
मांसाहार से कोरोना वायरस के फैलने की अफवाह से देश के पॉल्ट्री , मीट और मत्स्य उद्योग को भारी नुकसान हुआ है और इससे करीब दस करोड़ लोगों के रोजगार प्रभावित हुए हैं।
नई दिल्ली: मांसाहार से कोरोना वायरस के फैलने की अफवाह से देश के पॉल्ट्री, मीट और मत्स्य उद्योग को भारी नुकसान हुआ है और इससे करीब दस करोड़ लोगों के रोजगार प्रभावित हुए हैं। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह और इसी के विभाग के राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि मीडिया के माध्यम से अंडा और चिकेन मीट खाने से कोरोना वायरस के फैल सकने की अफवाह फैलायी गयी है जबकि वैज्ञानिक परीक्षणों में यह प्रमाणित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अंडा , मांस और मछली मानव स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है और इसके खाने से लोगों को 35 प्रतिशत प्रोटीन मिलता है।
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उन्होंने कहा कि पॉल्ट्री उद्योग समूह के संगठनों के अनुसार इस उद्योग को प्रतिदिन 15000 से 20000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही मक्का और सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी भारी नुकसान हो रहा है। मक्का और सोयाबीन की पाल्ट्री उद्योग में आपूर्ति की जाती है। (वार्ता)