सैन्य उपग्रह एमीसेट का सफल प्रक्षेपण,सीमा पर राडार और सेंसर पर निगरानी संभव

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पहली बार तीन विभिन्न कक्षाओं में उपग्रहों को स्थापित करने वाले पीएसएलवी- सी 45 का सोमवार सुबह सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से सफल प्रक्षेपण किया। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट..

Updated : 1 April 2019, 11:27 AM IST
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श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पहली बार तीन विभिन्न कक्षाओं में उपग्रहों को स्थापित करने वाले पीएसएलवी- सी 45 का सोमवार सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से सफल प्रक्षेपण किया जिसके साथ प्राथमिक उपग्रह एमिसैट तथा अन्य विदेशी नैनो उपग्रहों काे अंतरिक्ष में छोड़ा गया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन पीएसएलवी-45 अपने 47 वें अभियान में दूसरे लांच पैड से उडान भरी। प्रक्षेपण अधिकृत बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद कल सुबह इस मिशन के लिए उल्टी गिनती शुरू हुई और पूरे 27 घंटे की उल्टी गिनती के बाद पीएसएलवी-सी 45 ने अपने 47 वें मिशन के तहत आज निर्धारित समय पर सफल उड़ान भरी।

इसरो और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से इस उपग्रह को बनाया है। इससे सीमा पर राडार और सेंसर पर नजर रखने के साथ- साथ इलेक्ट्रॉनिक नक्शा भी आसानी से बनाया जा सकेगा।एमिसैट का वजन 436 किलाेग्राम है और इसका मकसद विद्युत चुंबकीय स्पैक्ट्रम को मापना है। यह रक्षा शोध एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) का“ इलैक्ट्रानिक इंटेलीजेंस ” उपग्रह है और 28 नैनाे उपग्रह लिथुआनिया, स्पेन , स्विटजरलैंड तथा अमेरिका के हैं जिनका प्रक्षेपण वाणिज्यिक कार्यक्रम के तहत किया गया।इसके अलावा पीएसएलवी अपने साथ तीन प्रायोगिक पे लोड भी ले गया। (वार्ता)

Published : 
  • 1 April 2019, 11:27 AM IST

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