Kanpur Encounter Case: बिकरु गांव पहुंची एसआईटी, जांच टीम ने तेज ऐक्शन के लिये इस तरह संभाला मोर्चा

कानपुर के बिकरु गांव में 2 जुलाई की रात हुए दिल दहलाने वाले गोलीकांड की जांच के लिये गठित एसआईटी एक्शन के लिये ग्राउंड पर उतर गयी है। जांच टीम थोड़ी देर पहले बिकरु गांव पहुंची। पूरी खबर..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 July 2020, 1:35 PM IST
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कानपुर: बीती 2 जुलाई के बाद से देश और दुनियां में चर्चा के केंद्र बने कानपुर के बिकरु गांव के लोग आज रविवार को फिर उस समय सहम गये, जब यूपी सरकार द्वारा गठित की गयी स्पेशल जांच टीम (एआईटी) वहां पहुंची। बिकरु गांव में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाला मुख्य अपराधी और 5 लाख का इनामी बदमाश विकास दूबे भले ही पुलिस एनकाउंटर में मारा गया हो, लेकिन जघन्य हत्याकांड से जुड़े अन्य दोषियों और पनाहगारों का बेनकाब होना अभी बाकी है। ऐसे ही दोषियों को अंजाम तक पहुंचाने और कानपुर कांड की विस्तृत जांचे के लिये यूपी सरकार द्वारा कल शनिवार को एआईटी का गठन किया था, जिसने आज से मोर्चा संभाल लिया है।    

देश और दुनिया को हिलाकर रख देने वाले कानपुर कांड की विस्तृत जांच के लिए यूपी सरकार की विशेष जांच कमेटी से जुड़े लोगों और पुलिस टीम रविवार को बिकरु गांव पहुंची और अपने जांच अभियान में जुट गयी। इस जांच समिति में कुछ तेजतर्रार, अनुभवी आईएएस और आपईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है।

इस जांच टीम द्वारा पुलिस हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त विकास दूबे और हत्याकांड से जुड़े अपराधियों की पहचान, घटना का ब्यौरा, उनके खिलाफ दर्ज मामले, पुलिस और ग्रामीणों की संलिप्तता, अभियुक्तों के खिलाफ अब तक की गयी कार्यवाही, उनके द्वारा किये गये अपराध, पुलिस अफसरों द्वारा अभियुक्तों पर की गयी कार्यवाही, प्रशासनकि व पुलिसिया लापरवाही समेत विभिन्न बुंदुओं की जांच की जा रही है।

सरकार द्वारा गठित इस विशेष जांच कमेटी के अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव, संजय भसरेड्डी, आईएएस हैं। उनके अलावा इस कमेटी में तेज-तर्रार अपर पुलिस महानिदेशक, हरिराम शर्मा,आईपीएस और पुलिस उपमहानिरीक्षक, जे. रविन्द्र गौड़ को भी शामिल किया गया है। जांच कमेटी में शामिल अफसरों द्वारा पुलिस की भूमिका से लेकर कानपुर कांड के हर पहलू की जांच की जायेगा। 

यह तीन सदस्यीय जांच कमेटी कानपुर कांड पर 31 जुलाई तक सरकार को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौपेंगे। जांच कमेटी द्वारा एक साल के CDR की भी जांच की जायेगी। इसके साथ ही इस मामले में पुराने पुलिस अफसरों की भूमिका की भी जांच होगी।
 

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