सोनभद्र: उभ्भा कांड की बरसी आज,नरसंहार में 11 लोगों ने गवाई थी जान, शासन ने पूरे नहीं किए वादे

डीएन संवाददाता

यूपी के सोनभद्र में हुए उभ्भा कांड की आज बरसी है इस नरसंहार में 11 आदिवासी लोगों की जान चली गई थी। यहां के लोग आज भी अपने हक के लिए मांग कर रहे हैं लेकिन शासन वादे करके भूल गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

उभ्भा कांड की बरसी मनाते लोग व तैनात पुलिस
उभ्भा कांड की बरसी मनाते लोग व तैनात पुलिस


सोनभद्र: पांच साल पहले गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजने वाला उभ्भा आज बेशक शांत है, लेकिन पीड़ितों के जख्म अभी भरे नहीं हैं। सरकार ने उन्हें मुआवजे के तौर पर जमीन का पट्टा और आर्थिक सहायता तो दी, मगर गांव के विकास को लेकर किया गया वादा अभी पूरा नहीं हो पाया है। आश्रम पद्धति विद्यालय अधूरा है। उभ्भा के नाम पर खुली पुलिस चौकी गांव से छह किमी दूर कन्हारी में चल रही है। सोलर आरओ प्लांट बंद पड़ा है और बिजली के लिए लगा सौर ऊर्जा संयंत्र भी खराब है। गांव के कई घरों तक अब भी बिजली नहीं पहुंच पाई है। कुछ ग्रामीण जुगाड़ से घर रोशन करते हैं तो कुछ के लिए अब भी सोलर लालटेन ही सहारा है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार  ग्रामीण चाहते हैं कि नरसंहार में जान गंवाने वाले 11 आदिवासियों की स्मृति में शहीद स्थल बनाया जाए, मगर इस पर कोई कुछ बोलने को भी तैयार नहीं है। घोरावल तहसील का उभ्भा वही गांव है, जहां 17 जुलाई 2019 को जमीन के एक टुकड़े के लिए दिनदहाड़े 11 आदिवासियों की हत्या कर दी गई थी। घटना में 28 से अधिक लोग घायल हुए थे।

देश की सुर्खियों में महीनों तक यह मुद्दा छाया रहा। सत्ताधारी भाजपा, सपा, कांग्रेस के शीर्ष नेता पीड़ित आदिवासियों का दर्द बांटने उभ्भा पहुंचे थे। सरकार ने उनके लिए मुआवजा पैकेज का भी एलान किया। मृतकों के आश्रितों व घायलों को जमीन पर पट्टा भी दिया गया। इससे उनकी आर्थिक स्थिति जरूर सुधर गई, लेकिन दिल-दिमाग पर लगे जख्म अभी पूरी तरह नहीं भर पाए हैं। गांव के विकास को लेकर किए गए सभी वादे भी पूरे न होने से ग्रामीण आहत हैं।

उभ्भा गांव निवासी रामप्यारे गोंड बताते हैं कि गांव में 4 साल से बन रहा आश्रम पद्धति विद्यालय अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। पेयजल के लिए लगा आरओ प्लांट एक साल से खराब पड़ा है। बसंत लाल गोंड, नंदलाल रामबली, रामपति का कहना है कि उभ्भा के नाम से पुलिस चौकी तो शुरू हो गई लेकिन 5 साल बाद भी भवन का काम पूर्ण न होने से करीब 6 किलोमीटर दूर कन्हारी गांव में परिषदीय स्कूल के जर्जर भवन में संचालित है।

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उभ्भा में पुलिस चौकी का भवन बनकर तैयार है, लेकिन वायरिंग और पानी का काम पूरा नहीं हो पाया है। उभ्भा के निवासी कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामराज गोंड ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद लगा सोलर प्लांट तीन साल से खराब पड़ा है, जिस पर संबंधित विभाग का कोई ध्यान नहीं है। गांव में बिजली व्यवस्था भी खराब है। कई घरों में अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं पहुंचा है। शंकर के घर से बीडीसी सदस्य रामनरेश के घर तक अगर बिजली के खंभे और तार लगा दिए जाएं तो गांव में बचे हुए लोगों को भी बिजली मिल जाएगी। गांव में करीब 80 बीघा भूमि का पट्टा अभी तक कुछ प्रक्रिया के चलते नहीं हुआ है। यह काम हो जाने पर करीब 30 परिवारों को भूमि के पट्टे का लाभ मिलेगा।

उभ्भा कांड के बाद प्रदेश सरकार की ओर से मृतक आश्रितों को विभिन्न मदों में करीब 18.50 लाख रुपये, घायलों को ढाई लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। गांव में करीब 850 बीघा सोसायटी की जमीन में से प्रत्येक परिवार को जमीन का पट्टा, आवास, शौचालय, बिजली, पेयजल देने की घोषणा के साथ गांव के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की गई।

13 सितंबर 2019 को उभ्भा आए मुख्यमंत्री ने पीड़ितों व ग्रामीणों को जमीन का पट्टा दिया था। करीब 340 करोड़ रुपये की 35 परियोजनाओं का का शिलान्यास व लोकार्पण किया था। मुख्यमंत्री ने गांव में पुलिस चौकी बनाने, बच्चों के लिए आवासीय पं. दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति विद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी।

17 जुलाई 2019 को घोरावल तहसील क्षेत्र के मूर्तिया ग्राम पंचायत के उभ्भा गांव में सोसायटी की जमीन पर कब्जे को लेकर हुए विवाद में 11 गोंड आदिवासियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोलीबारी में 28 लोग घायल हो गए थे। आदर्श सोसायटी के नाम की इस जमीन पर कई पीढ़ियों से आदिवासी जोत कोड़ करते रहे थे। करीब 1100 बीघा विवादित जमीन में से 120 बीघा जमीन की रजिस्ट्री मूर्तिया के तत्कालीन ग्राम प्रधान यज्ञदत्त सिंह भोरतिया ने वर्ष 2017 में अपने परिजनों के नाम करा लिया था।

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इस मामले में मृतक रामसुंदर के पुत्र लल्लू सिंह की तहरीर पर ग्राम प्रधान यज्ञदत्त, गणेश, विमलेश, धर्मेंद्र, नीरज राय समेत 28 लोगों के खिलाफ नामजद और 40-50 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। प्रधान सहित कुल 70 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। इनमें से सभी लोग रिहा हो चुके हैं। घरों में मनेगी बरसी, निकलेगी श्रद्धांजलि यात्रा बरसी पर पीड़ित परिजनों और ग्रामीणों की ओर से श्रद्धांजलि कार्यक्रम के लिए तैयारी की जा रही है।

रामराज गोंड ने बताया कि चार दिन पहले एसडीएम को प्रार्थना पत्र देकर उस जगह श्रद्धांजलि कार्यक्रम करने की मांग की है, जिस जगह खूनी संघर्ष हुआ था, लेकिन एसडीएम ने अनुमति नहीं दी है। प्रशासन की अनुमति न होने से प्रतिवर्ष की तरह घरों में बरसी मनाने के बाद गांव में मृतकों की तस्वीरों के साथ श्रद्धांजलि यात्रा निकाली जाएगी










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