ग्राम प्रधान का तुगलकी फरमान, कई आदिवासी परिवारों का बहिष्कार, जानिये झारखंड का पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड में कई आदिवासी परिवारों को कथित तौर पर ग्राम प्रधान के फरमान के अनुसार त्योहार नहीं मनाने के कारण 'बहिष्कृत' कर दिया गया था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

आदिवासी परिवार
आदिवासी परिवार


जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड में कई आदिवासी परिवारों को कथित तौर पर ग्राम प्रधान के फरमान के अनुसार त्योहार नहीं मनाने के कारण 'बहिष्कृत' कर दिया गया था। 

अधिकारियों ने बताया कि छोटा अस्थि गांव के लगभग एक दर्जन परिवारों ने शुक्रवार को उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री से संपर्क किया और उन्हें मामले से अवगत कराया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार आदिवासियों ने दावा किया कि उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में 'सोहराई' त्योहार मनाया था, जिसके बाद ग्राम प्रधान रूपाई हंसदा ने एक फरमान जारी किया, जिसके तहत कथित तौर पर उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाभ लेने से रोक दिया गया।

आदिवासियों में से एक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने त्योहार उस तरह से नहीं मनाया जैसा वह (ग्राम प्रधान) चाहते थे। इसके बाद हमारे बच्चों तक को स्कूल और करीब के मैदान में जाने से रोक दिया गया।''

भजंत्री ने इस मामले को लेकर 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''मैंने मामले को सुलझाने के लिए प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) और स्थानीय पुलिस को ग्राम प्रधान, पीड़ित परिवारों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया है।''

उन्होंने कहा, ''ग्राम प्रधान द्वारा जारी किया गया फरमान गैरकानूनी था और जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।''










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