सिक्किम में चीनी सीमा के पास हिमस्खलन, सात पर्यटकों की मौत
सिक्किम के नाथुला इलाके में मंगलवार को हुए भीषण हिमस्खलन में सात पर्यटकों की मौत हो गई और उनके वाहन बर्फ के नीचे दफन हो गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
गंगटोक: सिक्किम के नाथुला इलाके में मंगलवार को हुए भीषण हिमस्खलन में सात पर्यटकों की मौत हो गई और उनके वाहन बर्फ के नीचे दफन हो गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
थलसेना ने एक बयान में कहा कि हिमस्खलन से जवाहरलाल नेहरू मार्ग प्रभावित हुआ, जो गंगटोक को चीनी सीमा पर स्थित नाथुला से जोड़ता है। पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे हुए हिमस्खलन में करीब 30 लोगों के साथ पांच-छह वाहन बर्फ के नीचे फंसे गये।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने सेना से प्राप्त रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि शाम चार बजे तक सात शवों को बर्फ से निकाला जा चुका था और 23 लोगों को जीवित निकाल लिया गया, जिनमें एक गहरी खाई से निकाले गये छह पर्यटक भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि मृतकों में एक महिला और एक बच्चा भी शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि किसी और फंसे हुए व्यक्ति का पता लगाने के लिए इलाके में सेना, राज्य आपदा प्रबंधन दलों तथा पुलिस द्वारा तलाश अभियान जारी है।
यह भी पढ़ें |
सिक्किम में वाहन फिसलने से महाराष्ट्र के पांच पर्यटकों की मौत
घायलों को यहां से 55 किमी दूर स्थित राज्य की राजधानी गंगटोक स्थित विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दल शीघ्र ही इलाके में पहुंचेंगे।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सिक्किम में हुए दुखद हिमस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के प्रति मेरी संवेदना है। हम स्थिति की करीब से निगरानी कर रहे हैं और एनडीआरएफ के दल शीघ्र ही प्रभावित इलाकों में पहुंचेंगे। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
नाथुला समुद्र स्तर से 14,450 फुट की ऊंचाई पर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है। यह भारत और चीन के बीच खुली तीन व्यापार सीमा चौकियों में एक है। यह देश में हिमालय के सर्वाधिक महत्वपूर्ण दर्रो में एक है।
नाथुला दर्रा चीन से लगी सीमा पर स्थित है और यह अपनी मनोरम सुंदरता के कारण पर्यटकों का एक प्रमुख आकर्षण केंद्र है।
यह भी पढ़ें |
Sikkim Flash Flood: सिक्किम की बाढ़ ने छोड़े तबाही के भयावह निशान, 18 और शव बरामद, 98 लोग अब भी लापत, तलाशी अभियान जारी
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि खराब मौसम के चलते पर्यटकों को जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर दूरी की जानकारी देने वाले 13वें शिला स्तंभ से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन उन्होंने ‘टूर ऑपरेटर’ और वाहन चालकों को उन्हें उस इलाके में ले जाने के लिए मजबूर किया, जहां यह घटना हुई।
थलसेना ने बयान में कहा है कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया है, क्योंकि उस पर से बर्फ हटाया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि करीब 350 लोग और 80 वाहन मार्ग पर फंस गये थे, क्योंकि नाथुला से आने वाले मार्ग को बर्फ ने अवरूद्ध कर दिया था। इन लोगों और वाहनों को भी वापस ले आया गया है।
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने घटना में हुई मौतों को लेकर शोक जताया और कहा कि वह घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
तमांग ने कहा, ‘‘दुख की इस घड़ी में शोकाकुल परिवारों के प्रति मेरा दिल भर आया है। दिवंगत आत्मा को शांति मिले।’’