योग को लेकर वैज्ञानिक का बड़ा दावा, बिना ऑक्सीजन स्पोर्ट के बक्से में रह सकते है बंद, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के 71 साल के पूर्व वैज्ञानिक ने इंदौर में मंगलवार को दावा किया कि उन्होंने योगाभ्यास के दम पर ऑक्सीजन रहित बक्से में खुद को आधे घंटे तक बंद रखकर दिखाया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
इंदौर: केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के 71 साल के पूर्व वैज्ञानिक ने इंदौर में मंगलवार को दावा किया कि उन्होंने योगाभ्यास के दम पर ऑक्सीजन रहित बक्से में खुद को आधे घंटे तक बंद रखकर दिखाया।
इंदौर के राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआरसीएटी) के पूर्व वैज्ञानिक वेदप्रकाश गुप्ता (71) ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर अपने 'जीवंत प्रदर्शन' के बाद यह दावा किया।
चश्मदीदों ने बताया कि गुप्ता ने अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक शहर के एक सभागार में लोगों के समूह के सामने एक पारदर्शी बक्से में खुद को बंद कर लिया।
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बक्से से बाहर निकलने के बाद उन्होंने दावा किया वह योगाभ्यास की ताकत के बूते ऑक्सीजन रहित बक्से में आधे घंटे तक बंद रहे और चाहें तो डेढ़ घंटे की अवधि तक ऐसा कर सकते हैं।
उन्होंने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा,‘‘गर्मी के कारण मुझे बंद बक्से में कुछ देर बाद थोड़ी तकलीफ जरूर हुई, लेकिन आधे घंटे के प्रदर्शन के दौरान मुझे बंद बक्से के भीतर सांस लेने में कोई भी दिक्कत नहीं हुई।’’
गुप्ता के मुताबिक उनके प्रदर्शन के दौरान बंद बक्से में एक छेद के जरिये नाइट्रोजन गैस प्रविष्ट कराई जा रही थी, जबकि दूसरे छेद से इस गैस को बाहर निकाला जा रहा था। उन्होंने दावा किया कि इस प्रक्रिया के कारण बक्से में ऑक्सीजन बिल्कुल भी नहीं थी।
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गुप्ता के दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है।
बहरहाल, पूर्व वैज्ञानिक ने कहा कि वह पिछले 25 साल से योगाभ्यास कर रहे हैं और इससे उन्हें माइग्रेन, दमा और हृदय रोग से उबरने में खासी मदद मिली है।