मिनिमम बैंक बैलेंस पर दवाब के बाद बैकफुट पर आया एसबीआई, बदलेगा नियम

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्राहकों को एक नई खुशखबरी दे सकता है। केंद्र सरकार के दवाब और ग्राहकों की आलोचना के बाद एसबीआई बचत खातों के लिए न्यूनतम जमा राशि (मिनिमम बैलेंस) रखने की शर्त को हटा सकता है।

Updated : 5 January 2018, 3:20 PM IST
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नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई नए साल पर नए मोड में दिखाई पड़ रहा है, जिसके चलते बैंक अपने ग्राहकों को नई खुशखबरी दे सकता है। खबर है कि केंद्र सरकार के दवाब और ग्राहकों की आलोचना के बाद एसबीआई बचत खातों के लिए न्यूनतम जमा राशि रखने की शर्त को हटा सकता है।

अभी एसबीआई के बचत खाते में कम से कम तीन हजार रुपये रखना जरूरी है, अन्यथा ग्राहक को बतौर जुर्माना कुछ रकम का भुगतान करना पड़ता है। यह रकम सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों की तुलना में काफी ज्यादा है। हालांकि निजी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में यह काफी कम भी है। आईसीआईसीआई, एचडीएफसी बैंक, कोटक तथा एक्सिस बैंक व अन्य कुछ बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा दस हजार रुपये भी है।

1 हजार रुपये हो सकती है सीमा

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक स्टेट बैंक आफ इंडिया न्यूनतम जमा राशि की सीमा एक हजार रुपये कर सकता है। बैंक हर माह निश्चित रकम बनाए रखने की शर्त को भी बदल सकता है।

ग्राहकों को मिलेगी राहत

स्टेट बैंक द्वारा न्यूनतम जमा और एवरेज क्वाटर्ली बैलेंस न रखने पर जो रकम बतौर जुर्माना ली जाती है, अब अगर एसबीआई यह नियम बदलता है तो इसका फायदा देश के एक बड़े तबके को मिलेगा।

जुर्माने में बैंक ने वसूला 1,772 करोड़ रुपये

हाल ही में आई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्टेट बैंक ने न्‍यूनतम बैलेंस के नाम पर वसूली जाने वाली राशि से अप्रैल 2017 से नवंबर 2017 के बीच 1,772 करोड़ रुपये वसूले हैं।

क्या कहते हैं बैंक

आईसीआईसीआई, एचडीएफसी बैंक, कोटक तथा एक्सिस बैंक में न्यूनतम बैलेंस की सीमा दस हजार रुपये है। इस बारे में बैंको का कहना है कि बड़ी संख्या में जनधन खाता खोलने की वजह से बैंकों की ऑपरेशनल लागत बढ़ गई है और इसी वजह से उन्हें यह जुर्माना और न्यूनतम बैलेंस तय करना पड़ा।

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