

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए आज कहा कि गले में भगवा रंग पहनने वालों को पुलिस की पिटाई करने और थानों पर बवाल करने का लाइसेंस मिल गया है और आजादी के बाद पुलिस के साथ ऐसा व्यवहार पहले कभी नहीं हुआ।
लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में सहारनपुर में हाल में हुई साम्प्रदायिक घटना का जिक्र करते हुए कहा ‘‘कानून-व्यवस्था बड़ा सवाल है। चूंकि सरकार नयी बनी है इसलिये उस पर हम कुछ कहना नहीं चाहते थे, लेकिन नयी सरकार ही अगर थानों में चली जाए तो..।’’
अखिलेश आज पार्टी दफ्तर में सपा के सदस्यता अभियान में शामिल हुए। उनके साथ सांसद जया बच्चन और डिम्पल यादव भी मौजूद रहीं।
पूर्व सीएम ने कहा ‘‘आगरा में किसी घटना पर पुलिस ने कार्रवाई की। एक थाने में पकड़े गये लोगों को छोड़ने का दबाव बनाया गया। पुलिस जब मामले को दूसरे थाने ले गयी तो उस थाने में घुसकर पुलिस के साथ जो व्यवहार हुआ है.. मैं समझता हूं कि आजादी के बाद पुलिस के साथ ऐसा व्यवहार पहले कभी नहीं हुआ होगा।’’
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘बड़ी तकलीफ और परेशानी की बात यह है कि नया रंग भगवा जो आजकल गले में डाल लिया गया है उससे ना जाने कौन सा लाइसेंस मिल गया है कि पुलिस को तोड़ने का काम, थाने में घुस जाने का काम हो रहा है। कन्नौज में 100 नम्बर वाले पुलिसकर्मियों को पीट दिया गया क्योंकि उन्होंने पीड़ितों की मदद की। तो सोचो, प्रदेश की कानून-व्यवस्था क्या है।’’
इलाहाबाद में एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या की वारदात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा ‘‘बदायूं में झूठी घटना पर टीवी, कैमरा, प्रेस राजनीतिक दल सब पहुंच गये थे। क्या इलाहाबाद की घटना दर्दनाक नहीं है। क्या इस घटना को भी वही स्थान मिला है।’’
अखिलेश ने कहा कि सहारनपुर में पिछले दिनों एक धार्मिक जुलूस निकालने को लेकर दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष के मामले में सपा के तथ्यान्वेषी दल ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस बारे में मीडिया को कल विस्तार से बताया जाएगा। ऐसा लग रहा है कि इस घटना में कुछ लोगों को बचाने के लिये केवल खानापूर्ति करके मुकदमे दर्ज हुए हैं।
No related posts found.