बिक्री लाइसेंस का नवीनीकरण मामलाः शराब कंपनी पेरनोड रिकार्ड की याचिका खारिज
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिग्गज शराब निर्माता फ्रांसीसी कंपनी पेरनोड रिकार्ड की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में शराब की बिक्री के लिए उसके लाइसेंस का नवीनीकरण करने से दिल्ली सरकार के इनकार करने को चुनौती दी गई है।
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिग्गज शराब निर्माता फ्रांसीसी कंपनी पेरनोड रिकार्ड की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में शराब की बिक्री के लिए उसके लाइसेंस का नवीनीकरण करने से दिल्ली सरकार के इनकार करने को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि इस स्तर पर रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और पेरनोड रिकार्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को अपनी शिकायत के साथ आबकारी कानून के तहत अपीलीय प्राधिकरण का रुख करने के लिए कहा।
आबकारी विभाग ने शराब कंपनी के एल-वन लाइसेंस आवेदन को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के उल्लंघन से संबंधित मामलों में इसके खिलाफ चल रही जांच के आधार पर 13 अप्रैल को खारिज कर दिया था।
यह भी पढ़ें |
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दो पुलिस अधिकारियों को 100 पेड़ लगाने को कहा
आदेश की विस्तृत प्रति की प्रतीक्षा है। पेरनोड रिकार्ड इंडिया पर आरोप है कि उसने अपने दिल्ली के कुछ खुदरा विक्रेताओं को अपने ब्रांड की मदिरा का अधिक मात्रा में भंडारण करने के लिए वित्तीय रूप से समर्थन दिया। इसके लिए शराब कंपनी के कुछ अधिकारियों ने कथित तौर पर बैंक गारंटी प्रदान की।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पेरनोड रिकार्ड के कार्यकारी अधिकारी बिनय बाबू को पिछले साल नवंबर में अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति-2021-22 से संबंधित धन शोधन के मामले में गिरफ्तार किया था।
पेरनोड रिकार्ड दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शराब निर्माता कंपनी है और इसके उत्पादों में 200 से अधिक अग्रणी ब्रांड शामिल हैं जिनमें 100 पाइपर्स, शिवास रीगल, द ग्लेनलीवेट, एबसोल्यूट, हवाना क्लब और जैकब्स क्रीक आदि शुमार हैं। इसके ब्लेंडर्स प्राइड और रॉयल स्टैग जैसे भारतीय ब्रांड भी हैं।
यह भी पढ़ें |
जानिये क्या है दिल्ली में आज मौसम का ताजा हाल