Mahakumbh 2025: महाकुंभ के लिये खातों में पैसे, रोडवेज चालक और परिचालकों के बल्ले-बल्ले

यूपी परिवहन निगम की तरफ से महाकुंभ 2025 में आने-जाने वाली बसों में चालकों और परिचालकों को वर्दी में रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए उनके खाते में पैसे भी भेजे गए हैं। महाकुंभ 2025 के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की तैयारियों को लेकर पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 26 December 2024, 1:08 PM IST
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रायबरेलीः 13 जनवरी 2025 से संगम नगरी प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ को लेकर सरकार द्वारा व्यापक तैयारियां की गई है। इसी के तहत उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने मेंटेन रहने के लिये चालक व परिचालकों को वर्दी में रहने का निर्देश दिया है।

यूपी परिवहन निगम द्वारा चालक परिचालकों की वर्दी के लिए उनके खाते में रुपए भी भेजे गए हैं, ताकि वे वर्दी सिलवा करके बस यात्रा के दौरान दिखें। निर्देश का सख्ती से पालन हो इसके लिये निगम द्वारा बिना वर्दी के नजर आने वाले चालक परिचालकों के ऊपर कारवाई भी करने की तैयारी की गई है।

इस संबंध में डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को जानकारी देते हुए सुरेश सिंह यादव केन्द्र प्रभारी रायबरेली डिपो ने बताया कि परिवहन निगम की तरफ से चालक व परिचालकों के खाते में 1800-1800 रुपए वर्दी के लिए भेजे गए हैं। इन रुपयों से वर्दी सिलवाने का उन्हें निर्देश दिया गया है। चालकों के लिए खाकी रंग की पेंट और शर्ट और परिचालक के लिए सिल्वर कलर की पेंट व शर्ट होनी अनिवार्य है। 

उन्होंने बताया कि उनके डिपो में इस समय 154 चालक हैं। जिनमें से 26 चालक नियमित हैं और 128 चालक संविदा पर हैं। वहीं कुल 299 परिचालक हैं। जिनमें से 31 परिचालक नियमित और 227 संविदा पर हैं। साथ ही 41 आऊट सोर्स से कार्य कर रहे हैं। आउट सोर्स के परिचालकों की वर्दी की जिम्मेदारी उन्हें लगाने वाली कंपनी की है। उन्होंने अभी बताया कि इस समय रायबरेली डिपो में कुल 232 बसें हैं। जिनमे से 156 बसें निगम की और 76 अनुबंधित हैं। 

इसके अलावा उन्होंने बताया कि बसों के अंदर सुरक्षा की दृष्टि से अग्निशमन यंत्र, स्वास्थ्य सेवा के लिये फर्स्ट एड की सुविधा और महिला यात्रियों को कोई असुविधा न हो इसके लिए भी चालक में परिचालकों को निर्देशित किया गया है।

वहीं उन्होंने कहा कि यदि कोई चालक परिचालक वर्दी में नजर नहीं आता है तो हम उस पर 100 टोकन का चार्ज लगाते हैं। यहां तक कि वह बार बार निर्देश का पालन करते नजर नहीं आए तो निगम द्वारा उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है।