घने कोहरे से सड़क, रेल यातायात प्रभावित
देश के उत्तरी एवं पूर्वी हिस्सों में बृहस्पतिवार को कोहरे से सड़क और रेल यातायात प्रभावित रहा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: देश के उत्तरी एवं पूर्वी हिस्सों में बृहस्पतिवार को कोहरे से सड़क और रेल यातायात प्रभावित रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोहरे के कारण दिल्ली आने वाली 24 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा के अलग-अलग हिस्सों में 'बहुत घना' कोहरा रहा जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश, जम्मू, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी मध्य प्रदेश, बिहार और असम में 'घना' कोहरा रहा। वहीं, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में 'मध्यम' कोहरा रहा।
पंजाब के बठिंडा और उत्तर प्रदेश के आगरा में दृश्यता का स्तर गिर कर शून्य मीटर पर पहुंच गया जबकि यह त्रिपुरा के अगरतला में 25 मीटर रहा। जम्मू, हरियाणा के हिसार, उत्तर प्रदेश के वाराणसी एवं लखनऊ, मध्य प्रदेश के सागर तथा सतना, बिहार के पूर्णिया और असम के तेजपुर में दृश्यता का स्तर 50 मीटर रहा।
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इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के करीब पालम वेधशाला ने सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता का स्तर 100 मीटर दर्ज किया। हालांकि, सतही हवाओं के कारण इसमें सुधार आया और सुबह सात बजे दृश्यता का स्तर 500 मीटर हो गया।
राजस्थान के गंगानगर और मध्य प्रदेश के भोपाल में दृश्यता का स्तर 200 मीटर दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार, 'बहुत घना कोहरा' तब होता है जब दृश्यता 0 और 50 मीटर के बीच होती है, 51 और 200 मीटर के बीच 'घना', 201 और 500 के बीच 'मध्यम', और 501 और 1,000 के बीच 'हल्का' होता है।
देश के उत्तरी मैदानी इलाकों के कुछ हिस्सों में नौ और 10 जनवरी को पहाड़ों की तुलना में कम अधिकतम तापमान कम दर्ज किया गया।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के अनुसार, 27 दिसंबर से मैदानी इलाकों में कुछ ऊंचाई पर छाई कोहरे की परत धूप को निकलने से रोक रही है। उन्होंने कहा, 'इसलिए, कुछ मामलों में अधिकतम तापमान उन पहाड़ी इलाकों की तुलना में कम रहा है जहां आसमान साफ है।'
उत्तरी मैदानी इलाकों में बुधवार को ठंड से कुछ राहत मिली जब कोहरे की पतली परत के बीच धूप दिखाई दी लेकिन ठंडी हवाओं के कारण तापमान नीचे गिर गया।
उत्तर भारत के कई हिस्सों में 30-31 दिसंबर से 'शीत दिवस' और 'गंभीर शीत दिवस' की स्थिति बनी हुई है।