राप्ती नदी ऊफान पर, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर सीमा पर बसे कई गावों का अस्तित्व खतरे में

राप्ती नदी के ऊपान पर होने के कारण जनपद बलरामपुर तथा सिद्धार्थनगर सीमा पर बसे तहसील उतरौला के कई गांवों के अस्तित्व पर खतरा मंडारने लगा है। राप्ती नदी के बढ़ते कटान के कारण लोगों में भारी दहशत है। पूरी खबर..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 August 2018, 12:08 PM IST
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उतरौला: जनपद बलरामपुर तथा सिद्धार्थनगर सीमा पर बसे तहसील उतरौला के अंतर्गत स्थित ग्राम कुडऊँ बौडीहार राप्ती नदी के मुहाने पर बसा हुआ है। भारी बरसात के कारण बाढ़ के चलते राप्ती नदी के कटान से इस गावँ का अस्तित्व खतरे में आ गया है। राप्ती नदी के ऊफान के कारण इन दिनों ग्रामीणों में भारी दहशत व्याप्त है। सभी को अशियाने की चिंता सता रही है।

कई लोग कटान से प्रभावित

लगातार हो रही बरसात से नदी से होने वाले कटान का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे पीड़ितों की समस्याए जटिल होती जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि दीनी मदरसा मिस्बाहुल उलूम व मस्जिद समेत शहजाद, अख्तर अली, असगर अली, कलीमुल्ला, इस्तियाक, झिनकू, राम गरीब, छोटकू, खलीलुल्लाह, महमूदुल हसन, समीउल्ला,फखरूद्दीन, अबदुर्रहमान, अजीजुल हसन समेत डेढ दर्जन लोग कटान से प्रभावित है।

खाद्यान्न का संकट भी गहराया

पीड़ित कुड़ऊ बौड़िहार के ग्रामीणों के अनुसार जिनके घर गृहस्थी नदी के कटान से मात्र सात आठ मीटर की दूरी पर शेष बची है। उनकी चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। शासन की तरफ से अभी तक राहत के मद्देनजर कोई खास उपाय नहीं किये गये हैं। इसके अलावा बाढ़ के संकट के चलते लोगों के सामने खाद्यान्न का संकट भी गहराता जा रहा है। 

कार्य योजना को नहीं मिली स्वीकृति

अधिशासी अभियंता (बाढ एवं राहत) बलरामपुर का कहना है कि गत वर्ष कटान से बचाव की कार्य योजना को स्वीकृति न मिलने के चलते कटान को रोकने के ठोस उपाय नहीं हो सके। फिर भी शासन द्वारा अपने स्तर से बचाव कार्य के प्रयास जारी है ।

क्रेडिट पर कराया जा रहा कार्य

सहायक अभियंता (बाढ़ एवं राहत) बलरामपुर आशीर्वाद नाथ अंचल ने कहा कि पिछले वर्ष इसका प्रोजेक्ट बनाकर भेजा गया था, जो शासन द्वारा स्वीकृत नहीं हो पाई है। पिछले वर्ष जिन ठेकेदारों को ठोकर बनाने का ठेका दिया गया था, उसका भुगतान धनाभाव के कारण भुगतान नहीं किया जा सका है। इस कारण कोई ठेकेदार ठोकर बनाने का ठेका लेने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में अपने क्रेडिट से कार्य कराया जा रहा है।

 

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