Ram Lalla Surya Tilak:अयोध्या में धूमधाम से हुआ रामलला का सूर्य तिलक, जानिये कुछ खास बातें

रामनमवी के खास अवसर पर अयोध्या में राम जन्मोत्सव मनाया गया। ठीक 12 बजे सूर्य तिलक किया गया। सूर्य की किरणें चार मिनट तक भगवान राम के चेहरे पर पड़ती रहीं। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 6 April 2025, 1:06 PM IST
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अयोध्या: राम जन्मोत्सव को लेकर उत्साह और धूमधाम का माहौल था। इस विशेष अवसर पर रामलला का सूर्य तिलक हुआ। जो न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी एक अद्भुत था। यह तिलक ठीक बारह बजे हुआ। जब भगवान सूर्य की किरणों ने रामलला के मस्तक का अभिषेक चार मिनट तक किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार,इस दृश्य ने न सिर्फ अयोध्या में, बल्कि दुनिया भर में लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस तिलक को सही तरीके से आयोजित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और देश के विभिन्न आईआईटी के वैज्ञानिकों ने इस प्रक्रिया का पूर्वाभ्यास किया। शनिवार को इसका अंतिम सफल ट्रायल भी किया गया था।

रामलला ने पहना सोने का मुकुट

राम जन्मोत्सव के दिन रामलला ने रत्न जड़ित पीला वस्त्र और सोने का मुकुट पहनकर भक्तों को दर्शन दिए। जैसे ही घड़ी की सुइयाँ 12 की ओर बढ़ने लगीं, भक्तों में उत्सुकता बढ़ने लगी। ठीक 12 बजे सूर्य की किरणों ने चार मिनट तक रामलला का 'सूर्य तिलक' किया। यह दृश्य अध्यात्म और विज्ञान का एक अद्भुत संगम था। जिसे देखने के लिए लोग अपने स्थानों से खड़े होकर आतुर थे।

श्रद्धालु हुए मंत्रमुग्ध

राम जन्म के साथ ही मंदिर के कपाट सुबह 3:30 बजे खोल दिए गए थे। इसके बाद रामलला का श्रृंगार, राग-भोग, आरती और दर्शन का क्रम चलता रहा। जैसे ही 12 बजने में कुछ समय बचा, भक्तों की आतुरता बढ़ने लगी। जैसे ही पुजारी ने मंदिर के कपाट खोले, घंटा घड़ियाल की आवाजें गूंजीं और भक्तों ने 'भए प्रगट कृपाला दीनदयाला' का गायन करना शुरू कर दिया। इसके बाद पूजन की प्रक्रिया पूरी होते ही भगवान सूर्य ने रामलला का राजतिलक किया, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत पल था।

सूर्य तिलक की प्रक्रिया

सूर्य तिलक को लेकर की गई खास तैयारी ने इस दिन को और भी ऐतिहासिक बना दिया। मंदिर के ऊपरी हिस्से पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरणें गिरीं, जो बाद में परावर्तित होकर पीतल के पाइप में पहुंची। पाइप में लगे दर्पण से टकराकर ये किरणें 90 डिग्री कोण में बदल गईं। इसके बाद तीन लेंसों से होकर ये किरणें गर्भगृह में स्थित दर्पण से टकराई और रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक के रूप में सुशोभित हुईं। यह विज्ञान और आध्यात्म का अद्भुत मिलाजुला दृश्य था।

सुरक्षा व्यवस्था में कड़ी चाक-चौबंदी

राम जन्मोत्सव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अयोध्या में विशेष इंतजाम किए गए थे। अयोध्या रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ के जवानों ने फ्लैग मार्च कर सुरक्षा का अहसास कराया। 200 जवानों की तैनाती के साथ, स्टेशन परिसर में 235 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही थी। यात्रीगण के प्रवेश के लिए तीन गेट और निकासी के लिए दो गेट निर्धारित किए गए थे, जबकि एक आपातकालीन गेट भी रखा गया था। इसके अलावा स्टेशन पर संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ जारी रखी गई थी और किसी भी यात्री को ट्रैक पार करने की अनुमति नहीं दी गई।

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