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Rajasthan: कोटा में छात्र ने फसल की गुणवत्ता का आकलन करने में मदद के लिए बनाया AI रोबोट

राजस्थान के कोटा में एक किशोर ने मिट्टी और फसलों की गुणवत्ता, उनकी पानी की जरूरतों के आकलन और उनमें कीटों का पता लगाने में किसानों की मदद करने के लिए एक बहुउद्देशीय ‘रोबोट’ तैयार किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Rajasthan: कोटा में छात्र ने फसल की गुणवत्ता का आकलन करने में मदद के लिए बनाया AI रोबोट

कोटा: राजस्थान के कोटा में एक किशोर ने मिट्टी और फसलों की गुणवत्ता, उनकी पानी की जरूरतों के आकलन और उनमें कीटों का पता लगाने में किसानों की मदद करने के लिए एक बहुउद्देशीय ‘रोबोट’ तैयार किया है।

कोटा के 17 वर्षीय आर्यन सिंह ने अपने स्कूल की ‘अटल टिंकरिंग लैब’ में 'एग्रोबोट' को तैयार किया। अटल टिंकरिंग लैब, केंद्र सरकार की पहल है, जहां स्कूली बच्चों को उनके कौशल को निखारने में मदद की जाती है।

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आर्यन को रोबोट बनाने में चार साल लगे, जिसके लिए उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्रेणी के तहत प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भी जीता।

आर्यन के पिता किसान हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार  यह पुरस्कार जीतने वाले 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नौ लड़कों व दस लड़कियों के बीच आर्यन राजस्थान के रहने वाले एकमात्र विद्यार्थी हैं। नयी दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस वर्ष 22 जनवरी को आर्यन को इस पुरस्कार से सम्मानित किया था।

आर्यन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ''मैं एक किसान परिवार से ताल्लुक रखता हूं और अपने दादा-दादी व माता-पिता को खेतों में काम करते हुए देखकर बड़ा हुआ हूं। 10वीं कक्षा में पढ़ते समय मेरे मन में एक ऐसा बहु उद्देशीय उपकरण बनाने का विचार आया और फिर बाद में मैंने एक रोबोट तैयार किया, जो खेतों में किसानों के श्रम को कम कर सकता है।''

लड़के ने अपना प्रस्ताव नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन, राजस्थान से सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ-साथ तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भेजा और सभी ने इस उपकरण की प्रशंसा की। आर्यन ने कहा, ''यह रोबोट फसलों की कटाई, सिंचाई, उन्हें वाहनों में भरने, मिट्टी की गुणवत्ता का पता लगाने आदि जैसे कई कार्यों को करने में सक्षम है।''

आर्यन ने कहा कि उन्हें अपने इस रोबोट के लिए 15 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार तथा सराहना मिली है।

उन्होंने कहा कि इस रोबोट को तैयार करने में 50 हजार रुपये की लागत आई है लेकिन बड़ी संख्या में निर्मित करने पर इसकी लागत कम होगी। आर्यन के साथ-साथ कोटा के एसआर पब्लिक स्कूल में उनके शिक्षक को भी उम्मीद है कि यह रोबोट एक साल के भीतर बाजार में आ जाएगा।

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