Rajasthan: राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रमोद भाया के खिलाफ एक और मामला दर्ज

डीएन ब्यूरो

राजस्थान में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे प्रमोद जैन भाया और चार अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और जबरन वसूली के आरोपों के तहत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत बुधवार शाम बारां सदर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

पूर्व मंत्री प्रमोद भाया के खिलाफ मामला दर्ज
पूर्व मंत्री प्रमोद भाया के खिलाफ मामला दर्ज


कोटा (राजस्थान):  राजस्थान में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे प्रमोद जैन भाया और चार अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और जबरन वसूली के आरोपों के तहत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत बुधवार शाम बारां सदर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक इससे पहले पूर्व खनन और गोपालन मंत्री भाया के खिलाफ एक जनवरी को आपराधिक साजिश और फर्जी दस्तावेज तैयार करने का एक अलग मामला अंता पुलिस थाने में दर्ज किया गया था, जिसकी अभी जांच की जा रही है।

पुलिस को दी गई शिकायत में बारां नगर परिषद में विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वार्ड पार्षद दिलीप शाक्यवाल ने अंकित जैन उर्फ बोर्दिया, सुनील यादव, शरद शर्मा और नरेश तांत्रिक पर कोटा रोड स्थित बारां कलक्ट्रेट से लगे सरकारी चारागाह पर पूर्व मंत्री की ओर से मिट्टी का अवैध खनन एवं ढुलाई करने का आरोप लगाया है।

शाक्यवाल ने भाया पर मिट्टी जमा करने और उसे बेचकर राज्य सरकार को लगभग 90 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।

बारां थानाध्यक्ष रामविलास मीणा ने बृहस्पतिवार को बताया कि पुलिस ने भाया और चार अन्य आरोपियों के खिलाफ बुधवार शाम आईपीसी की धाराओं 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी), 384 (जबरन वसूली), 413 (चोरी की संपत्ति की खरीद-फरोख्त), 426 (शरारत), 379 (चोरी) तथा खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

इससे पहले, सोमवार को भाया और अंता नगर पालिका अध्यक्ष मुस्तफा खान पर करोड़ों रुपये की निविदाएं अवैध रूप से मंजूर करने के आरोप में सोमवार को एक मामला दर्ज किया गया था।

भाया और खान पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल सितंबर में राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद निविदाएं जारी करने में नियमों का उल्लंघन किया।

 










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