प्रियंका गांधी ने साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया से मुलाकात की, साथ देने का भरोसा दिलाया

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने शुक्रवार को ओलंपिक विजेता पहलवानों से मुलाकात कर न्याय की लड़ाई में उनका साथ देने का भरोसा दिलाया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

प्रियंका गांधी ने साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया से मुलाकात की
प्रियंका गांधी ने साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया से मुलाकात की


नयी दिल्ली:  कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने शुक्रवार को ओलंपिक विजेता पहलवानों से मुलाकात कर न्याय की लड़ाई में उनका साथ देने का भरोसा दिलाया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रियंका गांधी, साक्षी मलिक के घर पहुंचीं, जहां उन्होंने साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ मुलाकात की। उनके साथ सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी थे।

सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने न्याय की लड़ाई में दोनों पहलवानों का साथ देने का भरोसा जताया।

इससे पहले, साक्षी मलिक ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा से मुलाकात की।

दीपेंद्र हुड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत की एकमात्र ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवान बहन साक्षी ने अपने साथ हुए घोर अन्याय व केंद्र सरकार की वादाखिलाफी से परेशान होकर कुश्ती खेल से संन्यास ले लिया। ये देश की महिलाओं के सम्मान और खेल जगत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। आज सुबह साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादयान मिले। वे अपने साथ हुई वादाखिलाफी से बेहद आहत थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे आग्रह किया कि देशहित में कुश्ती से संन्यास के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और उन्हें विश्वास दिलाया कि न्याय मिलने तक उनका साथ नहीं छोड़ेंगे।’’

तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने का फैसला किया। इससे एक दिन पहले साक्षी मलिक ने संन्यास की घोषणा की थी।

डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की। इस नतीजे से तीन शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और पूनिया को काफी निराशा हुई, जिन्होंने महासंघ में बदलाव लाने के लिए काफी जोर लगाया था।










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