ओडिशा में निजी बस मालिकों के संगठन ने प्रस्तावित हड़ताल वापस ली

डीएन ब्यूरो

‘ऑल ओडिशा प्राइवेट बस ओनर्स एसोसिएशन’ ने अपनी मांगों के संबंध में राज्य सरकार से आश्वासन मिलने के बाद एक दिसंबर से प्रस्तावित अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

निजी बस मालिकों के संगठन ने प्रस्तावित हड़ताल वापस ली
निजी बस मालिकों के संगठन ने प्रस्तावित हड़ताल वापस ली


भुवनेश्वर: ‘ऑल ओडिशा प्राइवेट बस ओनर्स एसोसिएशन’ ने अपनी मांगों के संबंध में राज्य सरकार से आश्वासन मिलने के बाद एक दिसंबर से प्रस्तावित अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली है।

 डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक बस मालिकों ने विभिन्न मांगों को लेकर और ‘लोकेशन-एक्सेसिबल मल्टीमॉडल इनिशिएटिव’ (एलएसीसीएमआई) योजना के तहत चलने वाली सरकारी बसों के रूट के विरोध में राज्यव्यापी ‘चक्का बंद‘ आंदोलन का आह्वान किया था।

इस संबंध में बुधवार को यहां एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और परिवहन मंत्री टुकुनी साहू के बीच बैठक हुई।

एसोसिएशन के महासचिव देबेंद्र साहू ने बताया कि बैठक के बाद हड़ताल पूरी तरह से वापस लेने का फैसला किया गया।

मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार एलएसीसीएमआई योजना के माध्यम से लोगों को उनके द्वार तक परिवहन सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और निजी बस मालिकों को सेवा से कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा, हालांकि बस मालिकों को कुछ चिंताएं हैं।

मंत्री ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर एक लिखित ज्ञापन सौंपने के लिए कहा गया है, जिसके बाद उनकी मांगों पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ चर्चा की जाएगी और फिर आगे कदम उठाए जाएंगे।

बस मालिकों ने मांग की है कि एलएसीसीएमआई बसें ग्राम पंचायतों और ब्लॉक मुख्यालयों के बीच संचालित होनी चाहिए, न कि जिला मुख्यालयों तक, जहां निजी बसें चलती हैं।

मुख्यमंत्री ने अक्टूबर में किफायती बस सेवा शुरू की थी जिसका उद्देश्य सभी ग्राम पंचायतों को जिला मुख्यालय और राज्य की राजधानी से जोड़ना है।

परिवहन विभाग के सूत्रों ने कहा कि ओडिशा का सड़क संचार काफी हद तक निजी बसों पर निर्भर है, जहां केवल 2,000 सरकारी बसों के मुकाबले लगभग 14,000 निजी बसें सड़कों पर चलती हैं।

 










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