Presidential Election: जानिये कौन हो सकता है विपक्षी दलों का राष्ट्रपति उम्मीदवार का चेहरा, 19 पार्टियों में सहमति, पढ़िये ये बड़े अपडेट

देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिये सत्ताधारी पार्टी समेत विपक्षी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए है। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होना है लेकिन अभी तक किसी उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 21 June 2022, 12:46 PM IST
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नई दिल्ली: देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। सत्ताधारी पार्टी भाजपा और विपक्ष दल नये राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की तलाश में जुटे हुए हैं। अभी तक कोई किसी की तरफ से भी कोई नाम और चेहरा सामने नहीं आया है। विपक्षी दलों ने पहले एनसीपी नेता शरद पंवार का नाम राष्ट्रपति के लिए आगे किया था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस प्रस्ताव को नकार दिया है। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख़ अब्दुल्ला के बाद महात्मा गांधी के पोते और बंगाल के राज्यपाल रहे गोपाल कृष्ण गांधी ने भी विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने के प्रस्ताव को फिलहाल नकार दिया है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर विपक्ष से राष्टपति पद का उम्मीदवार कौन होगा?

डाइनामाइट न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक विपक्षी दलों में राष्ट्रपति को लेकर कई चेहरों पर चर्चा चल रही है लेकिन माना जा रहा है कि यशवंत सिन्हा विपक्ष के सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं। TMC आज होने वाली विपक्ष की बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव करेगी। वेस्ट बंगाल की सीएम ने यशवंत सिन्हा का नाम सुझाया है। बताया जाता है कि यशवंत सिन्हा के नाम पर अब तक 22 विपक्षी दलों में से 19 दलों में सहमति बन चुकी है। अन्य दल भी आज यशवंत सिन्हा के नाम को हरी झंडी दे सकते हैं। 

यशवंत सिन्हा ने भी ट्वीट करके ममता बनर्जी के इस प्रस्ताव की एक तरह से पुष्टि की। उन्होंने ट्विट किया कि एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वह विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं।

यशवंत सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा कि TMC में उन्होंने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता बनर्जी का आभारी हूं। अब एक समय आ गया है, जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए। मुझे यकीन है कि पार्टी मेरे इस कदम को स्वीकार करेगी।