

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि सभी महिलाएं प्रतिदिन अपने घरेलू कार्यो एवं अन्य क्षेत्रों में अपनी रचनात्मकता का उपयोग करती हैं और अब समय आ गया है कि उन्हें भारत की जरूरतों के अनुरूप नवाचारी समाधान एवं उत्पाद तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि सभी महिलाएं प्रतिदिन अपने घरेलू कार्यो एवं अन्य क्षेत्रों में अपनी रचनात्मकता का उपयोग करती हैं और अब समय आ गया है कि उन्हें भारत की जरूरतों के अनुरूप नवाचारी समाधान एवं उत्पाद तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नागरिकों को देश के समक्ष उत्पन्न होने वाली समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने में छोटे छोटे स्तर पर योगदान देने का प्रयास करना चाहिए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) के 11वें द्विवार्षिक नेशनल ग्रासरूट इनोवेशन और आउटस्टैंडिंग ट्रेडिशनल नॉलेज पुरस्कार प्रदान करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही।
राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, मुर्मू ने फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (फाइन) -2023 का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि आज हम नवोन्मेष करने वालों की उपलब्धियों के साथ रचनात्मकता, नवाचार और उद्यमिता की भावना का जश्न मना रहे हैं, साथ ही हम अपने आसपास हर दूसरे दिन छोटे-छोटे आविष्कार होते हुए देख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें बस उस रचनात्मकता और नवाचार को समझना और प्रोत्साहित करना है जो पहले से ही हर जगह मौजूद है।
मुर्मू ने कहा कि सभी महिलाएं प्रतिदिन अपने घरेलू कार्यो एवं अन्य क्षेत्रों में रचनात्मकता का उपयोग करती हैं और अब समय आ गया है कि उन्हें भारत की जरूरतों के अनुरूप नवाचारी समाधान एवं उत्पाद तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रचनात्मकता को समर्थन देने और बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण पहलू बच्चों और युवाओं को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करना है तथा चुनौतीपूर्ण समस्याओं के समाधान खोजने के लिए जिज्ञासा और पूछताछ की भावना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों को बड़ा होकर समाधान प्रदाता बनना चाहिए।
नागरिकों में राष्ट्र सेवा भाव के महत्व को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें देश के उत्पन्न होने वाली समस्याओं को समझने और हल करने में छोटे छोटे स्तर पर योगदान देने का प्रयास करना चाहिए।
मुर्मू ने नवप्रवर्तकों, उद्यमियों, पारंपरिक ज्ञान धारकों और उद्योग प्रतिनिधियों से पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ समाधान खोजने और इस दिशा में नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक साथ आने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि एनआईएफ ने देश के 625 से अधिक जिलों से 32,5,000 से अधिक तकनीकी विचारों, नवाचारों और पारंपरिक ज्ञान प्रथाओं का एक डेटाबेस तैयार किया है।