Prayagraj: माघ मेला बसने से पहले ही साधु-संतों और मेला प्रशासन के बीच छिड़ी जंग, जानें इसकी वजह

डीएन ब्यूरो

प्रयागराज की पावन धरती संगम के गंगा किनारे हर साल माघ मेला लगता है। इस बार माघ मेले बसने से पहले ही साधु-संत और तीर्थ पुरोहितों के बीच मेला प्रशासन से जंग छिड़ गई है। पढ़ें पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

साधु-संतों और मेला प्रशासन के बीच छिड़ी जंग
साधु-संतों और मेला प्रशासन के बीच छिड़ी जंग


प्रयागराजः इस साल माघ मेले बसने से पहले ही साधु-संत और तीर्थ पुरोहितों के बीच मेला प्रशासन से जंग छिड़ गई है। इस जंग की वजह से भूमि आवंटन।

वजह यह है कि भूमि आवंटन को लेकर दंडीबाड़ा में दो धड़ों की ओर से अलग-अलग सूची दी गई है, और मेला प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है कि जो सूची दी गई है उसमें भूमि आवंटन किया जाए। लेकिन मेला प्रशासन ने इस नई सूची में ब़ढ़ाई गई बीस नई संस्थाओं को भूमि आवंटन देने से इंकार कर दिया। इसके बाद साधु-संतो में आक्रोश पैदा हो गया। 

सोमवार को दंडी स्वामीनगर बसने को लेकर जमीन की कटाई कर ली गई थी। मेला प्रशासन के खिलाफ साधु-संत बुधवार को माघ मेला विकास प्रधिकरण के गेट के सामने धरने पर बैठ गए हैं। वहीं तीर्थपुरोहितों ने भी मेला प्रशासन पर उपेक्षा का अरोप लगाया हैं। उन्होंने कहा है कि माघ मेला प्रशासन हम लोगों के साथ भी अनदेखी कर रहा है, माघ मेला प्रशासन जानबूझ कर तीर्थपुरोहितों को भूमि सुविधा समय पर नहीं दे रहा हैं। तीर्थपुरोहितों के पदाधिकारियों ने कहा है कि अगर जल्द ही शिकायत पर मेला प्रशासन ने सुनवाई ना की तो इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की जाएगी,और माघ मेला का बहिष्कार किया जाएगा।

माघ मेला

बता दें कि हर साल माघ मेले में कई तमाम कार्य योजनाओं को लेकर साधु-संत और महंत के साथ कई सामाजिक संगठन और प्राइवेट संस्थाओं के बीच तीखी झड़प होती है। लेकिन मेला प्रशासन इन लोगों को शान्तिपूर्ण ढंग से मनाने में नाकाम रहता है।










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