यूपी की बड़ी खबर: इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश, राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के संबंध में 2 माह में फैसला ले सरकार
प्रयागराज से उत्तर प्रदेश की बड़ी खबर सामने आयी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में भर और राजभर जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के संबंध में 2 माह में फैसला करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में भर और राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले उत्तर प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के संबंध में दो माह के अंदर निर्णय लेने का निर्देश जारी किया है।
हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार को भर व राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के संबंध में दो माह में निर्णय लेने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव से कहा कि मामले में केंद्र सरकार के 11 अक्तूबर 2021 के प्रस्ताव के क्रम में निर्णय लें।
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हाईकोर्ट में जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस दिनेश पाठक की खंडपीठ ने जागो राजभर जागो समिति की याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में भर व राजभरों को पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में रखे जाने का विरोध किया गया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में लाखों की संख्या में भर व राजभरों की आबादी रहती है। इन्हें आज की तारीख में अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में प्रदेश में रखा गया है। इसी का याचिका में विरोध किया गया है। अब यूपी सरकार दो माह के अंदर इन दोनों जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने या न देने का महत्वपूर्ण निर्णय लेगी। सरकार के निर्णय के बाद आगे की स्थिति साफ हो सकेगी।
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