लखनऊ के कस्टोडियल डेथ मामले में सियासी उबाल, इंस्पेक्टर पर गिरी गाज

यूपी के लखनऊ में शनिवार को पुलिस हिरासत में हई युवक की मौत से सूबे की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 28 October 2024, 9:38 AM IST
google-preferred

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के चिनहट थाने (Chinhat Police Station) में पुलिस कस्टडी (Police Custody) में युवक (Youth) की मौत (Dead) पर सियासत गरम है। मामले में सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने बीजेपी सरकार को आड़े हाथ लिया और सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए।  पूर्व सीएम मायावती (Mayawati) ने घटना की निंदा की और दोषियों के लिए सजा की मांग कर डाली। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने X पर पोस्ट में कहा कि अब 'पुलिस हिरासत' का नाम बदलकर 'अत्याचार गृह' रख देना चाहिए। उप्र की राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस 'हिरासत में मौत (हत्या पढ़ा जाए)' का दूसरा समाचार मिला। थानों में जहां जनता अपनी शिकायत और परेशानी लेकर आती है, पुलिस तानाशाह बनी है।

उन्होंने कहा कि कस्टोडियल डेथ में यूपी सबसे ऊपर जा रहा है। सरकार जीरो टॉलरेंस की बात कर रही है। लेकिन पहले अमन गौतम और आज एक और मौत ने यूपी सरकार की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार की हर मांग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं।

प्रियंका गांधी ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि लखनऊ में पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया और अगली सुबह एक की मौत हो गई। एक पखवाड़े में यूपी पुलिस की हिरासत में यह दूसरी मौत है।

विपक्ष ने की तीखी टिप्पणी

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे की हत्या कर दी। यूपी हिरासत में होने वाली मौतों के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर है। प्रदेश में भाजपा ने ऐसा जंगलराज कायम किया है, जहां पुलिस क्रूरता का पर्याय बन चुकी है। जहां कानून के रखवाले ही जान ले रहे हों, वहां जनता न्याय की उम्मीद किससे करें?

बसपा सुप्रीमो मायावती ने की कड़ी निंदा

बसपा सुप्रीमो मायावती ने पुलिस हिरासत में हुई मौत की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में हुई मौत पर परिवार और लोगों में गुस्सा होना स्वाभाविक है। यूपी सरकार पीड़िता को न्याय देने के लिए कदम उठाए। प्रदेश में महिलाओं पर होने वाले जुर्म की घटनाएं चिंता जनक है।

गौरतलब है कि मोहित पांडे को शुक्रवार रात 10:56 बजे चिनहट थाने लाया गया। रातभर थाने में रखने के बाद दोपहर 1:05 बजे उसकी गिरफ्तारी दिखाई गई। आरोप है कि रातभर बिना लिखित रिकॉर्ड के मोहित और उसके भाई को थाने में रखा गया। शुक्रवार को बच्चों के झगड़े के बाद पुलिस ने मोहित और उसके भाई शोभाराम को हिरासत में लिया था।

शनिवार को कोर्ट ले जाते समय मोहित की तबीयत बिगड़ी और लोहिया अस्पताल ले जाने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना से संबंधित पुलिस की लापरवाही और आरोप अब जांच के घेरे में हैं।

परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उनके बेटे की जान ली है। इस मामले में चिनहट के एक इंस्पेक्टर और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। 

पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर ने रविवार को चिनहट थाने के इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने चिनहट थाने से इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार चतुर्वेदी को हटा दिया। उप निरीक्षक भरत कुमार पाठक को चिनहट थाने का नया इंस्पेक्टर बनाया गया। 

अगर आप युवा है और नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आप हमारी 'युवा डाइनामाइट' को विजिट कर सकते हैं। 
https://www.yuvadynamite.com/