Mann KI Baat: जानिये रेडियो कार्यक्रम मन की बात में आज क्या बोले पीएम मोदी, खास बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 80वें एपिसोड के जरिये देश की जनता के सामने अपने विचार रखे। इस रिपोर्ट में जानिये मन की बात में क्या बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी के मन की बात का 80वां एपिसोड (फाइल फोटो)
पीएम मोदी के मन की बात का 80वां एपिसोड (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 80वें एपिसोड के जरिये देश की जनता को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने टोक्यो ओलंपिक खेलों से की और कहा कि जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता और इस बार चार दशक के बाद भारत को ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला। 

डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें

देश में 62 करोड़ से ज्यादा vaccine की dose दी जा चुकी है लेकिन फिर भी हमें सावधानी रखनी है, सतर्कता रखनी है। दवाई भी, कड़ाई भी। 

मेरे प्यारे देशवासियो, ये समय आजादी के 75वें साल का है। इस साल तो हमें हर दिन नए संकल्प लेने हैं, नया सोचना है, और कुछ नया करने का अपना जज्बा बढ़ाना है। 

मेरे प्यारे देशवासियो, अगले कुछ दिनों में ही ‘विश्वकर्मा जयंती’ भी आने वाली है। भगवान विश्वकर्मा को हमारे यहाँ विश्व की सृजन शक्ति का प्रतीक माना गया है। 

साथियो, हाल के दिनों में जो प्रयास हुए हैं, उनसे संस्कृत को लेकर एक नई जागरूकता आई है। अब समय है कि इस दिशा में हम अपने प्रयास और बढाएं।

हाल ही में, मुझे कई ऐसे लोगों के बारे में जानने को मिला, जो विदेशों में संस्कृत पढ़ाने का प्रेरक कार्य कर रहे हैं | ऐसे ही कुछ व्यक्ति हैं श्रीमान् रटगर कोर्टेनहॉर्स्ट, डॉ. चिरापत प्रपंडविद्या, डॉ. कुसुमा रक्षामणि और श्रीमान बोरिस जाखरिन।

संस्कृत अपने विचारों, अपने साहित्य के माध्यम से ये ज्ञान विज्ञान और राष्ट्र की एकता का भी पोषण करती है, उसे मजबूत करती है।

जदुरानी दासी जी American है, जन्म America में हुआ, लालन-पालन America में हुआ, जदुरानी दासी जी ISKCON से जुड़ी हैं, हरे कृष्णा movement से जुड़ी हुई हैं और उनकी एक बहुत बड़ी विशेषता है भक्ति arts में वो निपुण है। 

साथियो, जब हम एक लक्ष्य लेकर निकल पड़ते हैं न तो नतीजों का मिलना निश्चित होता है। अब देखिये न हमारे तमिलनाडु में शिवगंगा जिले की कान्जीरंगाल पंचायत को। यहाँ पर आपको वेस्ट से वेल्थ का एक और मॉडल देखने को मिलेगा। 

हम ये भलीभांति जानते हैं कि जब भी स्वच्छ भारत अभियान की बात आती है तो इंदौर का नाम आता ही आता है। क्योंकि इंदौर ने स्वच्छता के संबंध में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है और इंदौर के नागरिक इसके अभिनन्दन के अधिकारी भी है।

साथियो, मेरे सामने एक उदाहरण बिहार के मधुबनी से आया है। मधुबनी में डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय और वहाँ के स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र ने मिलकर के एक अच्छा प्रयास किया है। विश्वविद्यालय की इस पहल का नाम है – “सुखेत मॉडल”। 

मेरे प्यारे देशवासियो, कल जन्माष्टमी का महापर्व है। इस महीने की 20 तारीख को भगवान सोमनाथ मंदिर से जुड़े निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया है | सोमनाथ मंदिर से 3-4 किलोमीटर दूरी पर ही भालका तीर्थ है जहाँ भगवान श्री कृष्ण ने धरती पर अपने अंतिम पल बिताये थे। 

मेरे प्यारे देशवासियो, इस कोरोना कालखंड में स्वच्छता के विषय में मुझे जितनी बातें करनी चाहिए थी लगता है शायद उसमें कुछ कमी आ गई थी | स्वच्छता के अभियान को हमें रत्ती भर भी ओझल नहीं होने देना है। 

साथियो, दुनिया के लोग जब आज भारतीय अध्यात्म और दर्शन के बारे में इतना कुछ सोचते हैं, तो हमारी भी ज़िम्मेदारी है कि हम अपनी इन महान परम्पराओं को आगे लेकर जाएँ।

मेरे प्यारे नौजवानों, हमें अलग-अलग प्रकार के sports में महारत हासिल करनी चाहिए। गाँव-गाँव खेलों की स्पर्धाएँ निरंतर चलती रहनी चाहिये।

साथियो, जब खेल-कूद की बात होती है, तो स्वाभाविक है हमें पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है और युवा पीढ़ी में बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। आज का युवा मन घिसे-पिटे पुराने तौर तरीकों से कुछ नया करना चाहता है, हटकर के करना चाहता है।

साथियो, इस बार Olympic ने बहुत बड़ा प्रभाव पैदा किया है। Olympic के खेल पूरे हुए अभी paralympics चल रहा है।  इस बार खेल जगत में जो कुछ भी हुआ, विश्व की तुलना में भले कम होगा, लेकिन देश में विश्वास भरने के लिए तो बहुत कुछ हुआ है।

देश में खेल, खेल-कूद, sports, sportsman spirit अब रुकना नहीं है। इस momentum को पारिवारिक जीवन में, सामाजिक जीवन में, राष्ट्र जीवन में स्थायी बनाना है- ऊर्जा से भर देना है, निरन्तर नयी ऊर्जा से भरना है। 










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