न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को समलैंगिक विवाह मामले की सुनवाई से हटाये जाने संबंधी अर्जी खारिज

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता दिये जाने संबंधी याचिकाओं की सुनवाई से भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ को हटाये जाने की अर्जी बुधवार को खारिज कर दी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ (फाइल फोटो)
सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता दिये जाने संबंधी याचिकाओं की सुनवाई से भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ को हटाये जाने की अर्जी बुधवार को खारिज कर दी।

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ समलैंगिक विवाह को मान्यता संबंधी याचिकाओं पर आज नौवें दिन सुनवाई कर रही थी।

वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पेश अंसन थॉमस नामक एक व्यक्ति ने सीजेआई को 13 मार्च एवं 17 अप्रैल को भेजे अपने पत्रों का हवाला दिया और कहा कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को इस मामले से खुद को अलग कर लेना चाहिए।

सीजेआई ने कहा, ‘‘धन्यवाद, श्रीमान थॉमस, अर्जी खारिज की जाती है।’’ संविधान पीठ में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एस. आर. भट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा भी शामिल हैं।

सुनवाई के दौरान अदालत कक्ष में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीजेआई को सुनवाई से हटाने संबंधी दलीलों पर आपत्ति जताई।

इस मामले में सुनवाई जारी है।










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