चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को सुविधा केंद्रों पर जमा करने होंगे डाक मतपत्र

डीएन ब्यूरो

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मतदान कर्मियों को केवल निर्दिष्ट सुविधा केंद्रों पर अपना वोट डालना होगा। अब वे पहले की तरह लंबे समय तक मतपत्र अपने पास नहीं रख सकते हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

सुविधा केंद्रों पर जमा करने होंगे डाक मतपत्र
सुविधा केंद्रों पर जमा करने होंगे डाक मतपत्र


नयी दिल्ली: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मतदान कर्मियों को केवल निर्दिष्ट सुविधा केंद्रों पर अपना वोट डालना होगा। अब वे पहले की तरह लंबे समय तक मतपत्र अपने पास नहीं रख सकते हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाताओं को दी जाने वाली डाक मतपत्र सुविधा के संभावित दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर सरकार ने हाल ही में चुनाव नियमों में बदलाव किया था।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि डाक मतपत्रों का उपयोग करने वाले मतदाता एक ताकत और समूह बन रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे डाक मतपत्र का दुरुपयोग नहीं कहेंगे। लेकिन अगर डाक मतपत्र सुविधा का उपयोग करने वाले सरकारी कर्मचारी सौदेबाजी शुरू करते हैं - उनके अपने हित हैं - तो यह वैध नहीं है।’’

निर्वाचन आयोग ने पिछले साल सितंबर में केंद्रीय कानून मंत्रालय से चुनाव संचालन नियम, 1961 में बदलाव करने की सिफारिश की थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाता उन मतदाता सुविधा केंद्रों पर अपना वोट डालें जहां वे तैनात हैं।

निर्वाचन आयोग का मानना था कि अगर डाक मतपत्र किसी मतदाता के पास लंबे समय तक रहता है, तो वह व्यक्ति उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों द्वारा अनुचित प्रभाव, धमकी, रिश्वत और अन्य अनैतिक तरीकों के प्रभाव में आ सकता है।

हाल ही में, कानून मंत्रालय में विधायी विभाग ने चुनाव संचालन नियमों में संशोधन के लिए एक अधिसूचना जारी की है।

नियमों में एक नई धारा 18ए जोड़ी गई है। इसमें कहा गया है, ‘‘..., चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाता को अपना डाक मतपत्र प्राप्त करना होगा, इस भाग के अनुसार उस पर अपना मत दर्ज करना होगा और रिटर्निंग अधिकारी द्वारा लिखित रूप में निर्दिष्ट सुविधा केंद्र में जमा करना होगा।’’

इस संशोधन के 23 अगस्त को लागू होने के साथ, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में 7 से 30 नवंबर के बीच होने वाले विधानसभा चुनावों में चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाता अब सुविधा केंद्रों पर मतदान करेंगे।

मध्य प्रदेश में 17 नवंबर, राजस्थान में 23 नवंबर, तेलंगाना में 30 नवंबर और मिजोरम में सात नवंबर को एक चरण में मतदान होगा, जबकि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में सात नवंबर (20 सीटें) और 17 नवंबर (70 सीटें) को मतदान होगा।

आधिकारिक सूत्रों ने इससे पहले कहा था कि निर्वाचन आयोग ने पिछले चुनावों में देखा था कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात जिन मतदाताओं को डाक मतपत्र उपलब्ध कराए जाते हैं, वे मतदाता सुविधा केंद्रों पर वोट नहीं डालते हैं, बल्कि अपने साथ डाक मतपत्र ले जाते हैं क्योंकि उनके पास चुनाव कानून और संबंधित नियमों के अनुसार मतगणना के दिन सुबह आठ बजे तक डाक मतपत्र डालने का समय होता है।

आयोग की मानक नीति में प्रावधान है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाताओं को आवंटित मतदान केंद्रों पर मतदान के प्रबंधन और पर्यवेक्षण के लिए उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र के अलावा किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में तैनात किया जाता है।

इस व्यवस्था के कारण वे व्यक्तिगत रूप से अपने घर के मतदान केंद्र पर वोट नहीं डाल पा रहे थे।

चुनाव ड्यूटी पर तैनात ऐसे मतदाताओं को चुनाव ड्यूटी के लिए आवंटित मतदान केंद्रों के लिए भेजे जाने से पहले सुविधा केंद्र में अपना वोट डालने में सक्षम बनाने के लिए एक सुविधा केंद्र भी स्थापित किया गया है।

सुविधा केंद्र उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में गुप्त और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं से लैस है।

हालांकि, उनके पास अपने डाक मतपत्रों को डाक के माध्यम से रिटर्निंग अधिकारी को भेजने का विकल्प भी है ताकि वे मतगणना शुरू होने के लिए निर्धारित समय से पहले पहुंच सकें।

ऐसे कई मतदाता चुनाव ड्यूटी करने के बाद लंबे समय तक अपने घरों में डाक मतपत्र रखते हैं, क्योंकि चुनाव आम तौर पर रसद और बलों की आवश्यकता के प्रबंधन के लिए क्रमबद्ध तरीके से आयोजित किए जाते हैं।

उदाहरण के लिए, 2019 के लोकसभा चुनावों में, पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल, 2019 को हुआ था, जबकि वोटों की गिनती की तारीख 23 मई थी।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘इस प्रकार, चुनाव ड्यूटी पर मतदाताओं के लिए स्थापित मतदाता सुविधा केंद्र में मतदान सुनिश्चित करने से स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के लिए डाक मतपत्र सुविधा के संभावित दुरुपयोग को कम किया जा सकेगा।’’










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