महराजगंजः गोंड-धुरिया समुदाय के छात्रों का फूटा गुस्सा, बैठे अनिश्चितकालीन धरने पर

डीएन संवाददाता

गोंड जाति के छात्र-छात्राओं का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा। वे प्रशासन से काफी नाराज चल रहे हैं। मांगे पूरी न होने तक जनपद के विभिन्न तहसील के विद्यार्थीियों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरु कर दिया है। पढें डाइनामाइट की विस्तृत रिपोर्ट

कलेक्टेट में धरने पर बैठे छात्र
कलेक्टेट में धरने पर बैठे छात्र


महराजगंजः गोंड-धुरिया समुदाय के छात्र-छात्राओं का ऑनलाइन आवेदन निरस्तीकरण को लेकर यह वर्ग मंगलवार को कलेक्ट्रेट के समक्ष अनिश्चिलकालीन धरने पर बैठ गया है। डाइनामाइट न्यूज की टीम ने मौके पर पहुंचकर धरना में शामिल छात्र-छात्राओं की प्रमुख मांगों को संज्ञान लिया।

आंदोलनकारी विद्यार्थियों ने एक स्वर से कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती हैं तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। 

डाइनामाइट संवाददाता से बातचीत करते हुए पुलिस भर्ती के आवेदन से वंचित रमपुरवा, कोठीभार निवासी अंगद ने बताया कि भारत का राजपत्र एक्ट 15 दिसंबर 2003 की राजाज्ञा जारी है। उत्तर प्रदेश शासनादेश संख्या 176 मंत्री 26 मार्च 2020 समाज कल्याण अनुभाग लखनऊ का 23 अक्टूबर 2020 का आदेश तथा 11 जनवरी 2024 को डीएम महराजगंज के आदेश को तहसील प्रशासन नकार रहा है।

उन्होंने कहा कि इसको लेकर हमारे ऑनलाइन आवेदन निरस्त कर वर्तमान में चल रहे पुलिस भर्ती आवेदन, छात्रवृति तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित कर दिया गया जिससे गोंड छात्र मजबूर होकर शांतिपूर्ण एवं संवैधानिक रूप से भूख हडताल को बाध्य हुए हैं। अगर धरना में शामिल लोगों के साथ कुछ होता है तो इसका जिम्मेदार तहसील प्रशासन होगा। 

छात्रों की मांग
भूख हडताल पर बैठे गोंड छात्र-छात्राओं का शपथ पत्र एवं उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर तत्काल जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाए। पूर्व में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र को आधार मानकर तथा उनके परिवार के सदस्यों को जाति प्रमाण पत्र दिया जाए। पुलिस भर्ती आवेदन से वंचित करने के साजिशकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई। 

विद्यार्थी इन स्थानों पर दे रहे धरना 
विनोद गोंड धनेवा-धनई, लालजी गोंड भिटौली बाजार, अमिलेश गोंड सोहांस पनियरा, प्रमोद रामपुर बुजुर्ग बागापार, शुभम पिपरा बाबू महराजगंज, दीपक चोक बाजार, अंगद कोठीभार, मुरारी गोंड सिन्दुरिया सहित दो दर्जन से अधिक विद्यार्थी विभिन्न तहसीलों से कलेक्ट्रेट में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।  










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